राजस्थान मे बजरी माफियों की दादागिरी खत्म, 60 खनन क्षेत्रों से बजरी दोहन की स्वीकृति

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर / राज्य में नदियों से वैध बजरी खनन (Gravel mining) हेतु 60 खनन क्षेत्रों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति जारी हो गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब समूचे प्रदेश में नदियों से बजरी के वैध खनन की राह प्रशस्त हो गई है वहीं बजरी की समस्या का समाधान भी हो गया है। उन्होंने बताया कि अब राज्य स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरे होने के साथ ही प्रदेश में लगभग सभी क्षेत्रों में बजरी का वैध खनन शुरू हो जाएगा।

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बजरी की समस्या से आमानागरिकों को राहत दिलाने के लिए निरंतर समाधान खोजने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री गहलोत के प्रयासों और दिशा-निर्देशों का ही परिणाम है कि लंबे समय से चली आ रही प्रदेश में वैध बजरी खनन की समस्या और अवैद्य बजरी खनन के कारण आए दिन आ रही समस्याओं के समाधान संभव हो सका है। उन्होंने बताया कि पिछली 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश जारी होने के बाद मुख्यमंत्री श्री गहलोत की पहल पर राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर खनिज पट्टों हेतु जारी मंशा पत्रों की वैधता को 13 माह के स्थान पर 68 माह कर दिया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देष के बाद राज्य सरकार द्वारा जालौर में दो व भीलवाड़ा में एक बजरी खनन पट्टे और उसके बाद 4 दिसंबर को देवली, राजसमंद, नाथद्वारा में बजरी मंषा पत्रों की वैधता की राह प्रशस्त होने से कुल छह बजरी खनन की लीज जारी हो सकी है। उन्होंने बताया कि बजरी से संबंधित सभी प्रकरणों की मोनीटरिंग व समन्वय के लिए अतिरिक्त निदेषक श्री बीएस सोढ़ा को प्रभारी बनाया गया है।

खान एवं गोपालन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने केन्द्र सरकार से पर्यावरणीय अनुमति मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि आमलोगों को आसानी से और वैध तरीके से बजरी प्राप्त हो सके इसके लिए विभाग द्वारा किये गए ठोस प्रयासों का ही परिणाम है कि सुप्रीम कोर्ट से निर्देष प्राप्त हुए और अब निर्देषोें के क्रम में राज्य सरकार के प्रयासों से 60 खनन क्षेत्रों की पर्यावरण अनुमति जारी हो गई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि पर्यावरणीय स्वीकृति जारी होने के बाद राज्य स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूरे होते ही खनन लीज जारी की जाएगी जिससे बजरी का वैध खनन आरंभ हो जाएगा।

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में 70 मिलियन टन बजरी की मांग है। इन 60 खनन क्षेत्रों के लिए लीज जारी होते ही प्रदेश में बजरी की समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाएगा। इससे एक और जहां रियल एस्टेट सहित निर्माण क्षेत्र की बजरी की समस्या का समाधान होगा वहीं एक अनुमान के अनुसार राज्य सरकार को भी 600 करोड़ रूपये का राजस्व मिलेगा।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार एक्सपर्ट एप्रेजल कमेटी द्वारा रिकमंडडेड सभी 60 प्रकरणों में अनुमति जारी हो गई है।

निदेशक माइंस श्री केबी पण्डया ने बताया कि विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही की तैयारियां शुरू कर दी गई है।

Dadagiri of gravel mafia ends in Rajasthan, approval for exploitation of gravel from 60 mining areas

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम