मुख्यमंत्री के असत्य एवं भ्रामक प्रचार से जनता गुमराह नहीं होगी – गहलोत

liyaquat Ali
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जयपुर, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि अब जब विधानसभा चुनावों में 5 माह का समय ही शेष रह गया है तब मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे अपनी सरकार के तथाकथित विकास कार्यों को लेकर असत्य एवं भ्रामक प्रचार कर रही हैं जिससे अब जनता गुमराह होने वाली नहीं है। जनता सब जानती है और आने वाले विधानसभा चुनावों में इसका माकूल जवाब देने के लिये तैयार बैठी है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान न तो प्रदेश का किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ और न ही लोक कल्याण की दिशा में कोई ठोस कार्य हो सका। अलबता पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लोक कल्याण के लिये प्रारंभ किये गये कार्यक्रमों को तहस-नहस करने या उन्हें कमजोर और ठंडे बस्ते में डालने मात्र का कार्य ही किया गया यही कारण है कि प्रदेश के सभी वर्ग सरकार से नाराज है। किसान, युवा, महिला, अल्पसंख्यक, दलित, मनरेगाकर्मी, अध्यापक, पैराटीचर्स, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारी, चिकित्सा कर्मी, चिकित्सक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोड़वेजकर्मी, आदि समाज के सभी वर्ग अपने असंतोष को समय-समय पर पुरजोर रूप से प्रकट करते रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि भाजपा सरकार के दौरान चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य किया गया है, जो सरासर झूठ है। प्रदेश की जनता अच्छे तरीके से जानती है कि भाजपा सरकार ने चिकित्सा और शिक्षा के ढांचे को जिस ढंग से अस्त-व्यस्त किया है उससे जनता को तकलीफ और परेशानी के सिवाय कुछ भी नहीं मिल पा रहा है। गांवों में न तो चिकित्सा केन्द्रों पर पर्याप्त इलाज की सुविधा मिल रही है और न ही बच्चों को प्राथमिक शिक्षा ही मिल पा रही है।

गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के बारे में मीडिया में आए दिन नकारात्मक समाचार देखने को मिल रहे हैं। इस योजना के लिये दवाओं की सप्लाई करने वाली कम्पनियों की दवायें गुणवत्ता के मानक पर फेल हो जाने के बावजूद भी दुबारा से उन्हीं कम्पनियों से दवाईयां खरीद की जा रही है। ऐसा क्यों किया जा रहा है, यह जांच का विषय है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क दवा केन्द्रों पर स्वीकृत सूची के अनुसार दवाईयां उपलब्ध नहीं हो रही है। मरीजों को मजबूर होकर निजी दवा केन्द्रों से दवाईयां क्रय करनी पड़ रही है। साढ़े चार सालों में वितरण केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में स्टाफ भी नहीं लगाया जा सका। यही हाल सामाजिक सुरक्षा पेंशन, खाद्य सुरक्षा, मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना का हो रहा है। इन योजनाओं से लोगों को लाभ की बजाय परेशानी का ही सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों के साथ हो रहा है। कहने को तो भर्ती मरीजों को भामाशाह कार्ड के आधार पर इलाज की सुविधा दी जा रही है पर वास्तविकता में प्रक्रियागत दोषों के कारण इन मरीजों को अपना ईलाज अपने बलबूते पर ही कराना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राजनीतिक पूर्वाग्रहों से ग्रसित होकर बाड़मेर रिफाईनरी परियोजना के कार्य को चार वर्षो तक लटकाये रखा जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय इस परियोजना का शिलान्यास यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा किया जा चुका था। इसी तरह भीलवाड़ा मेमू कोच फैक्ट्री, डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेलवे लाईन के काम को भी अवरूद्ध कर दिया गया। जयपुर में मैट्रो के द्वितीय चरण का कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हुआ है।

 

 

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