स्टेशन रोड़ स्थित अल्लारक्खा बिल्डिंग का है मामला
अजमेर (नवीन वैष्णव)।स्टेशन रोड़ स्थित अल्लारक्खा बिल्डिंग को अवैध रूप से कोड़ियों के भाव में बेचने का मामला सामने आया है। इस मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने क्लॉक टावर थाना पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं। एडवोकेट जिनेश सिंह सोनी ने बताया कि सेठ स्व. अब्दुल अल्लारक्खा की बिल्डिंग को उसकी पत्नी सलमा के बेटे अयूब अल्लारक्खा व बहु रेशमा ने साजिश रचकर करोडों की बिल्डिंग को वर्ष 2014 में केवल मात्र 28 लाख रूपए में केसरगंज बाबू मौहल्ला निवासी राजेन्द्र मुंदड़ा को बेच दिया। अब्दुल अल्लारक्खा की दुसरी पत्नी से हुए बेटे खालिद और पोते ईमरान को इसकी जानकारी एक माह पहले मई में तब लगी जब मूंदड़ा ने आकर उन्हें बिल्डिंग खाली करने की बात कही। सोनी ने कहा कि मूंदड़ा ने ईरफान व उसके परिजनों को इसके लिए धमकियां भी दी। इस पर उन्होंने क्लॉक टावर थाना पुलिस की मदद चाही लेकिन पुलिस ने कुछ ही करने से साफ इंकार कर दिया।
अदालत की ली शरण
एडवोकेट सोनी ने कहा कि पीड़ित ईमरान ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष इस्तगासा पेश किया जिसके आधार पर सीजेएम गणपत लाल बिश्नोई ने अयूब,उसकी पत्नी रेशमा, सलमा और खरीददार राजेन्द्र मूंदड़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468, 471, 506 व 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए क्लॉक टावर थाना पुलिस को आदेश किए हैं। सोनी ने यह भी कहा कि अब तक उक्त बिल्डिंग का कोई भी बंटवारा नहीं हुआ है। इसके चलते न्यायाधीश ने मामले को गंभीरता से लिया और यह आदेश किए। मामले में थानाधिकारी रामावतार ने कहा कि फिलहाल आदेश नहीं मिले हैं। आदेश आते ही मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
निगम ने गिराने के दिए आदेश
पूर्व में नगर निगम भी इस
बिल्डिंग को जर्जर मानकर गिराने के आदेश दे
चुकी है। इस आदेश के विरोध में बिल्डिंग के सभी किराएदारों ने भी निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। अब मामले में नया पेच आने से सभी सोचने को मजबूर है।