जयपुर/ भीलवाडा/ राजस्थान मे शिक्षा विभाग के अधिकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस)(ACS) पवन कुमार गोयल के आदेश नहीं मानते या यूं कहें अतिशयोक्ति नहीं होगी की गोयल के आदेशों की पालना विभाग के अधिकारी केवल कागजों में खानापूर्ति कर दी गई है लेकिन वास्तविकता में हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है और एसीएस गोयल के आदेशों के बाद भी अभी तक विभाग के कार्यालयों में एक ही सीट पर या एक ही सेक्शन बरसों से अधिकारी और कार्मिक डटे पड़े हैं।
विदित है की एसीएस पीके गोयल ने एक आदेश क्रमांकप. 17(30) शिक्षा–2/2021 दिनांक 11/4/2022 को निकाला था जिसके तहत यह निर्देशित किया गया था कि निदेशालय/ अधीनस्थ/ बोर्ड /मंडल/ परिषद/ कार्यालयों /मंडल स्तर पर/ जिला स्तर पर /ब्लॉक कार्यालय में शिक्षकों की सेवा रिकॉर्ड/ प्रशासनिक/ संस्थापन /डीपीसी/ वरिष्ठता /योग्यता अभिवृद्धि संबंधी आदि प्रकरणों के निस्तारण के लिए कई वर्षों से एक ही पद पर एक ही व्यक्ति कार्यरत है ऐसे सभी अधिकारी और कार्मिकों को उस शाखा या सीट से 30 अप्रैल तक बदलकर पालना रिपोर्ट दी जाए।
एटीएस ने इस आदेश में स्पष्ट किया था कि ऐसे सभी पद स्थापित अधिकारी / कार्मिक जिनको एक ही सीट प्रकार का कार्य करते हुए 3 साल से अधिक( चाहे उक्त अवधि अलग-अलग टुकड़ों में हो ) हो गया हो तो उनकी सीट तत्काल प्रभाव से परिवर्तित की जाए साथी स्पष्ट किया कि स्थानांतरण पर प्रतिबंध है अतः किसी कार्मिक का स्थानांतरण नहीं किया जाना है वरन वर्तमान कार्यालय में ही केवल सीट परिवर्तित किया जाना है।
लेकिन आश्चर्य की बात है कि एसीएस गोयल के इस आदेश की पालना आज 17 मई तक नहीं हो पाई है केवल अधिकारियों ने अपने बचाव में कार्यवाही से बचने के लिए केवल सीट परिवर्तन के आदेश कार्यों में निकाल कर देते हैं लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं हुआ है अर्थात अभी भी सेक्शन और सीट पर वही व्यक्ति वर्षों से लगे हुए हैं।
भीलवाडा में बतौर उदाहरण
उदाहरण के तौर पर भीलवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय और जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मुख्यालय मैं दोनों ही कार्यालयों में अधिकारी व कार्मिकों के जो 3 साल से अधिक एक ही सेक्शन और सीट पर लगे हुए थे उनके कागजों में तो आदेश निकाल दिए गए हैं परंतु वह अभी भी पुरानी 3 साल से अधिक जिस सीट पर वह काम कर रहे थे उसी सीट और सेक्शन में कार्य कर रहे हैं जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय में ऐसे चार आदेश निकाले गए लेकिन पालना एक की भी वास्तविकता में नहीं हुई है केवल कागजों में की गई है।