जयपुर। जहां देश 21 वीं सदी में प्रवेश कर रह है वहीं भीलवाड़ा जिले में अंधविश्वास की जड़ इतनी गहरी है कि कभी मासूमों को गर्म सलाखों से दागा जाता है तो कभी कोई जीवित ही समाधी लेने का प्रयास करता है। ऐसा ही एक मामला आसीन्द थाना में रूपपुरा ग्राम पंचायत के कुराछो का खेडा ग्राम का सामने आया है। एक युवक द्वारा जीवित समाधी लेने के वीडियो और फोटो ने पुलिस की धड़कनें बढ़ा दी। पुलिस ने आनन-फानन में वीडियो की पड़ताल कर अचेत अवस्था में युवक को बाहर निकाला और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आसीन्द में भर्ती करवाया जहां उसकी हालत में अब सुधार है।
उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अस्पताल में भी अंधविश्वास का खेल जारी है और वहां लोगों का तांता लगा हुआ है। यहां जो भी व्यक्ति पहुंच रहा है युवक के धोक लगाकर उससे आशीर्वाद ले रहा है। आसीन्द थाना क्षेत्र के कुराछो का खेडा ग्राम निवासी धीरज खारोल ने कुछ दिनों पूर्व ही नवरात्री में जीवित समाधी लेने की घोषणा की थी। इसके चलते उसने गांव के बाहर एक माता के मन्दिर के पास खड्डा खोदकर उसमें पक्का निर्माण करवाया।
नवरात्री स्थापना के दिन बुधवार 10 अक्टुबर को दोपहर में उसने ग्रामीणों के सामने विधि-विधान से जीवित समाधी ले ली। इस दौरान किसी ने उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस को जब यह वायरल वीडियो मिला तो वह हरकत में आयी और वीडियों की जांच कर युवक को अचेत अवस्था में समाधी से निकाला।
क्षेत्रवासियों ने कहा कि ग्रामीणों का इस समाधी में व्यक्ति पर कोई दबाव नहीं था और उसने अपनी ईच्छा से यह समाधी ली थी। समाधी लेने वाले युवक धीरज खारोल ने कहा कि मैंने मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह समाधी ली थी। आसीन्द थाना प्रभारी मनीष देव विश्वकर्मा ने कहा कि हमने मामला दर्ज कर लिया है और जांच की जा रही है।