अब राजस्थान में मिले यूरेनियम के भंडार,देश में प्रदेश बना शक्तिशाली

Dr. CHETAN THATHERA
5 Min Read

जयपुर/ प्रदेश के शेखावटी अंचल में मिले यूरेनियम के भंडार के बाद राजस्थान देश में शक्तिशाली प्रदेश बन गया है राजस्थान देश में ऐसा तीसरा राज्य है जहां यूरेनियम के भंडार मिले हैं आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विपुल भंडार मिले हैं इसरो नमखाना के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा यकीन लेटर ऑफ इंटेंट हेलो जारी कर दी गई है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस पेट्रोलियम डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान में शेखावाटी अंचल के सीकर जिले के खंडेला तहसील में रोहिल क्षेत्र मैं यूरेनियम अयस्क के विपुल भंडार मिले हैं हीरो नेम दुनिया में दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है और यह परमाणु ऊर्जा के लिए हीरोइन बहुत बहुमूल्य खनिज है इस खनिज भंडार के राजस्थान में मिलने से राजस्थान देश ही नहीं दुनिया में भी उसकी पहचान मैं वृद्धि हुई है देश में आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद राजस्थान में यूरेनियम के भंडार मिले हैं।

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सीकर के पास खण्डेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम अयस्क के खनन के लिए यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा की लेटर ऑफ इंटेट (एलओआई )जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि देश में झारखण्ड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान में यूरेनियम के विपुल भण्डार मिले हैं। यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है। परमाणु उर्जा के लिए यूरेनियम बहुमूल्य खनिज है। यूरेनियम खनन क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही प्रदेश के विश्वपटल पर आने के साथ ही निवेश,राजस्व और रोजगार के नए अवसर खुल गए हैं।

एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत के दिशा-निर्देश में प्रदेश में दुर्लभ खनिज यूरेनियम के खोज कार्य को गति दी गई और अब यूरेनियम उत्खनन की एलओआई जारी कर माइंस के क्षेत्र में नया माइलेज प्राप्त कर लिया गया है।

कहां व कितना भडाअंर मिला

एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सीकर जिले की खण्डेला तहसील के रोहिल में 1086.46 हैक्टेयर क्षेत्र में यूरेनियम के विपुल भण्डार मिले हैं। विभाग द्वारा यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया के आवेदन पर खनिज यूरेनियम ओर व एसोसिएटेड मिनरल्स के खनन के लिए एलओआई जारी कर दी है। आरंभिक अनुमानों के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भण्डार संभावित है। देश में अभी तक झारखण्ड के सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्र प्रदेश में यूरेनियम का उत्खनन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्थान मेंं भी खनिज का खनन आरंभ हो जाएगा।

यूरेनियम का क्या उपयोग

यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग बिजली बनाने में किया जाता है। परमाणु उर्जा के अलावा दवा, रक्षा उपकरणों, फोटोग्राफी सहित अन्य में भी यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग होता है। दुनिया में सर्वाधिक यूरेनियम का उत्पादन कजाकिस्तान, कनाडा और आस्ट्रेलिया में होता है। इसके अलावा निगेर, रुस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, यूएस व यूक्रेन में भी यूरेनियम खनिज मिला है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यूरेनियम कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा करीब 3 हजार करोड़ का निवेश किया जाएगा। इसके साथ ही करीब 3 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा वहीं सह उत्पादों के आधार पर क्षेत्र में सह उद्योग की स्थापना की राह भी प्रशस्त होगी। उन्होंने बताया कि अब यूरेनियम कारपोरेशन इंडिया द्वारा परमाणु उर्जा विभाग, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद से खनन योजना अनुमोदित कराकर प्रस्तुत की जाएगी। इसी तरह से खान विकास एवं उत्पादन करार एमडीपीए के समय खनिज रिजर्व मूल्य 0.50 प्रतिशत राशि परफारमेंस सिक्यूरिटी बैंक गांरटी के रुप में दी जाएगी। इसी तरह से भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन से ईसी लेनी होगी और 69.39 हैक्टेयर चरागाह भूमि की राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा।

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम