जयपुर
शनिवार रात्रि 8 बजकर 26 मिनट पर सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ ही नौतपा शुरू हो गए। यह 3 जून तक रहेंगे। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार नौतपा के इन नौ दिनों में गर्मी का असर भीषण रहता है, जिसका सीधा असर आने वाले मानसून पर पड़ता है। इस दौरान बारिश या ओलावृष्टिï होने को आने वाले मानसून के लिए शुभ नहीं माना जाता। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान जितनी अधिक गर्मी पड़ेगी, उतनी ही अच्छी बारिश होती है।
मई महिने के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है। यही वो नौ दिन हैं, जब पृथ्वी और सूर्य के बीच दूरी सबसे कम रहती है।
रोहिणी नक्षत्र जब लगता है, तो सूरज के तेवर प्रचंड रहते हैं और धरती का तापमान तेजी से बढऩे लगता है। हालांकि रोहिणी नक्षत्र 15 दिन रहता है, लेकिन चंद्रमा शुरू के पहले जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है, वह दिन नौतपा कहलाते हैं। रोहिणी के दौरान अगर बारिश होती है, तो इसे आम भाषा में रोहिणी का गलना कहते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में आ जाता है और नौतपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है।
नौतपा के पहले दिन शनिवार को गर्मी का असर कुछ खास नहीं रहा। अमूमन माना जाता है कि नौतपा के नौ दिनों में अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री सैल्सियस तक जा पहुंचता है, लेकिन पहले दिन कई शहरों का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया। हालांकि दिनभर धूप का असर तेज था, लेकिन शाम को पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में बादलों की आवाजाही नजर आई।