जयपुर
विशेष पिछडा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण देेने के लिए रातों रात तैयार किए गए विधेयक को पारित किए जाने के बाद अब मुस्लिम समाज ने आरक्षण की मांग बुलन्द की है। इसको लेकर गुरूवार को जमीयत उलेमा ए राजस्थान का प्रदेश प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में संगठन के पदाधिकारियों ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पारित किया। बैठक में तय किया गया कि मुस्लिम प्रतिनिधियों की एक कमेटी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलकर ज्ञापन देगी तथा इसके लिए सरकार को 15 दिनों का समय दिया गया। 15 दिनों में आरक्षण की घोषणा नहीं किए जाने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
सम्मेलन के बाद मीडिया से बात करते हुए संगठन के महासचिव अब्दुल वाहिद खत्री ने बताया कि केन्द्र में यूपीए सरकार के दौरान मुस्लिमों की आर्थिक स्थिति की जानकारी के लिए सच्चर कमेटी का गठन किया गया था, इसकी रिपोर्ट आने के बाद रंगनाथन मिश्र आयोग को इसका जिम्मा दिया गया था। दोनों की रिपोर्ट में मुस्लिमों की दयनीय हालात का जिक्र था और 2009 में सोनिया गांधी ने आमचुनाव के दौरान घोषणा पत्र में मुस्लिम आरक्षण का वादा भी किया था लेकिन इसके बाद भी अब तक मुस्लिमों को आरक्षण की कोई पहल नहीं की गई। खत्री ने कहा कि गुर्जर आंदोलन के कारण सरकार ने रातोंरात विधेयक तैयार कर लिया ऐसे में अगर सरकार यहीं भाषा समझती है तो मुस्लिम समाज इसके लिए भी तैयार है। उन्होंने सरकार को मुस्लिम आरक्षण पर 15 दिनों में निर्णय लेने की चेतावनी दी और कहा कि आरक्षण की मांग पर समाज उग्र आंदोलन करेगा। इस दौरान खत्री ने मॉब लीचिंग की घटनाओं पर अफसोस जताया और कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की दी हुई गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है।