जयपुर । प्रदेश भाजपा के नेताओं गुरूवार को नई दिल्ली में हुई केन्द्रीय चुनाव कमेटी की बैठक में राजस्थान के प्रत्याशियों को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। यहां अमित शाह ने प्रदेश से दिल्ली गए सभी नेताओं को वापस जयपुर भेज दिया गया। शाह से तनातनी के बाद मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित सभी प्रदेश पदाधिकारी वापस आ गए। अब सभी सीटों पर एक राय बनाने के लिए एक बार फिर शीर्ष नेताओं में मंथन का दौर शुरू होगा।
अमित शाह के निवास पर हुई चर्चा के दौरान मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने को लेकर अमित शाह और वसुंधरा राजे में तकरार हो गई।
शाह चाहते हैं कि इस बार आधे से अधिक मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर उनके स्थान पर नए चेहरों को मैदान में उतारा जाए सीएम का कहना था कि विधायकों के टिकट काटने पर बगावत हो सकती है। इसके अलावा कुछ सीटों पर पैनल के स्थान पर एक ही नाम होने पर शाह ने भीआपत्ती जताई और सभी पैनल वापस कर दिए।
शाह का कहना था कि जब पैनल के स्थान पर एक ही नाम लेकर आना था तो रायशुमारी और फीडबैक बैठकों का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। ऐसे में अब तक सर्वे, रायशुमारी और फीडबैक के आधार पर सामने आए जिताऊ नामों का पैनल बनाकर दिल्ली लाया जाए। ऐसे में शाह ने सभी नाम वापस लौटा दिए और जिताऊ नामों का पैनल तैयार कर लाने के निर्देश दिए। देर रात तक दिल्ली में चली बैठक के बाद भाजपा के नेता वापस जयपुर लौट आए।
अब माना जा रहा है कि सभी सीटों पर एक राय बनाने के लिए दुबारा से मंथन किया जाएगा तथा पार्टी के सभी धडो की सहमति के बाद ही पैनल बनाकर दिल्ली भेजा जाएगा। हालांकि अभी भी मौजूदा विधायकों के टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पार्टी आलाकमान के रुख को देखकर लगता है कि अधिकांश विधायकों को पार्टी दुबारा मौका देने के पक्ष में नहीं है।
घटनाक्रम के बाद सुबह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओम माथुर उनके निवास पर पहुंचे। यहां दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक गहन मंत्रणा हुई।