अब जयपुर, जोधपुर और कोटा में 2 नगर निगम,2 मेयर

liyaquat Ali
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Jaipur News/ dainik reporters : देश में नगरीय निकाय चुनाव (Urban body elections )को लेकर सरकार ने बड़ा निर्णय किया है। सरकार ने जयपुर, कोटा और जोधपुर (Jaipur, Kota,Jodhpur ) प्रत्येक शहर में 2 नगर निगम बनाए है, साथ ही यहां मेयर भी दो चुने (Two Mayor ) जाएंगे। यही नहीं इन शहरों में हाल ही जो नए वार्डों का सीमांकन हुआ है उसे भी खत्म करके अब नए सिरे से सीमांकन करवाया जाएगा। इतना ही नहीं इन शहरों में वार्डों की संख्या में भी बढ़ोतरी की है। जयपुर में पहले 91 वार्ड थे,उसे हाल ही में बढ़ाकर 150 किए थे। अब उसे फिर बढ़ाकर 250 किया जा रहा है।
जयपुर में एक निगम जयपुर हैरिटेज ( Corporation Jaipur Heritage ) और दूसरा ग्रेटर जयपुर (Greater Jaipur) के नाम से जाना जाएगा। सरकार ने शुक्रवार को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल (Urban Development Minister Shanti Dhariwal) ने बताया कि इन तीनों शहरों में अगस्त माह में वार्डों का सीमांकन किया था, उसे भी रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से वार्डों का सीमांकन किया जाएगा। जयपुर (Jaipur )की दोनों नगर निगम में कुल 250, जोधपुर में 160 और कोटा में कुल 150 वार्डों का गठन किया जाएगा। वार्डों के गठन के बाद इन निकायों में चुनाव करवाए जाएंगे।
धारीवाल बताया कि इन तीनों शहरों के नगर निगम का कार्यकाल जब भी समाप्त होगा,उसके बाद इन निकायों में सरकार प्रशासन नियुक्त कर देगी। प्रशासक नियुक्त होने के बाद 6 माह के अंदर चुनाव करवा दिए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि निकाय प्रमुख के चयन की प्रक्रिया हाइब्रिड मॉडल में कोई बदलाव नहीं होगा। यानी कोई भी व्यक्ति चाहे वह पार्षद (Councilor) हो या नहीं मेयर का चुनाव लडऩे के लिए नामांकन भर सकेगा। मेयर का चुनाव जो भी व्यक्ति जीतेगा,उसके लिए पार्षद का चुनाव लडऩा अनिवार्य नहीं होगा। धारीवाल की इस घोषणा के बाद कांग्रेस के दूसरे गुट को झटका लगा है,जो इस प्रक्रिया का विरोध जता रहे हैं।
धारीवाल से जब निकाय प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया के संदर्भ में पूछा कि आखिर सरकार को ऐसा क्यों करना पड़ रहा है तो उन्होंने  कहा कि मान लो निकाय चुनाव में जिस दल को बहुमत मिला और उस दल में उस वर्ग एसटी, एससी, ओबीसी या महिला (ST, SC, OBC or Female) का उम्मीदवार जीतकर नहीं आया तो ऐसे में मुखिया चुनने में कई समस्याएं आती है। इस मामले में बूंदी (Bundi) की इंद्रगढ़ निकाय का उन्होंने उदाहरण भी दिया।
– 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में 2 नगर निगम की जरूरत, ताकि वार्डों का दायरा (क्षेत्रफल व जनसंख्या की दृष्टिï से) सीमित किया जा सके और जनप्रतिनिधि की आम जनता के बीच भागीदारी अच्छे से रहे।
– जयपुर के परिपेक्ष्य में धारीवाल ने यूनेस्को की गाइडलाइन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जयपुर की चारदीवारी को वल्र्ड हैरिटेज सूची में बनाए रखने के लिए यूनेस्को ने गाइडलाइन जारी की है। हैरिटेज सिटी के संरक्षण के लिए अलग से नगर निगम का गठन हो। इसी को देखते हुए यहां ‘नगर निगम जयपुर हैरिटेजÓ का गठन किया जा रहा है।
नगरीय विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के प्रमुखों की लॉटरी 20 अक्तूबर को निकाली जाएगी। इस लॉटरी में सभी 196 निकाय शामिल होंगे। इसमें जयपुर, जोधपुर और कोटा में नवगठित निकाय भी शामिल होगी।
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