ना झण्डा, ना एजेण्डा सिर्फ गठबंधन: माधव

liyaquat Ali
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भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री ने गठबंधन पर उठाए सवाल

जयपुर । भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री तथा जम्मू और कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा है कि राजनीति में आजकल गठबंधनों की होड लगी है। इसमें ना झण्डा, ना एजेण्डा सिर्फ गठबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है। देश में फिलहाल अनैतिक राजनीति चल रही है। माधव मंगलवार को जयपुर में एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान की ओर से आयोजित अखण्ड भारत की अवधारणा एवं कश्मीर विषय पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में फिलहाल सत्ता केन्द्रीत राजनीति का दौर चल रहा है और सत्ता के लिए गठबंधन किए जा रहें हैं। कांग्रेस स्वाभिमान रहित राजनीति कर रही है।
माधव ने दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांत बताते हुए कहा कि उन्होंने शुचिता, स्वाभिमान और पराक्रम की राजनीति करने के लिए कहा था।
भाजपा इसी विचारधारा को लेकर आगे बढ रही है। शुचिता की राजनीति में राष्टï्र प्रथम होता है लेकिन इसके लिए सत्ता भी जरूरी होती है। पराक्रम की राजनीति में सत्ता के लिए समझौते नहीं किए जाते हैं। हालांकि इसमें कई बार सत्ता के लिए समझौते किए भी जाते हैं लेकिन विचारधारा को नहीं छोडा जाता। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी कश्मीर हित के लिए समझौता किया था किन्तु देशहित में उसे छोड दिया।
उन्होंने कश्मीर पर कहा कि यह पूरी समस्या कांग्रेस की देन है। जब 1857 में क्रांति और 1911 में बंग भंग के खिलाफ आंदोलन हुआ था तो देशभर के सभी धर्मों के लोग उसमें साथ थे लेकिन 1947 में ऐसा क्या हुआ जिसके कारण एक धर्म की बात कहकर देश के टुकडे कर दिए गए। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस की तुष्टïीकरण की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। इसके कारण आजादी के समय देश नहीं बल्कि हमारा इतिहास और संस्कृति टूटी थी। उस समय की गलतियों के कारण ही आज कश्मीर में असंतोष के हालात हैं।
भाजपा राष्टï्रीय महामंत्री ने कहा कि हमारी विचारधारा के डीएनए में अखण्ड भारत है और कश्मीर का एक इंच टुकडा भी अब अलग नहीं होने दिया जाएगा। हम अगले 50 साल तक वहां आतंकियों से लडने के लिए तैयार हैं। वहां आतंक का समर्थन और फंडिंग करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी तथा पाक अधिकृत कश्मीर को भी वापस लिया जाएगा।
इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान के अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि अखण्डता की अवधारणा को स्पष्टï किया और कहा कि अखण्डता के लिए एक राज्य होना जरूरी नहीं है। ऐसे ही अखण्ड भारत के लिए संविधान और कानून की जरूरत भी नहीं हैं। भारत में हर व्यक्ति नागरिक नहीं बल्कि पुत्र होता है।
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