Jaipur News।प्रदेश मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लेकर चर रहा वर्चस्व का दगंल थम नही रहा है और इस कारण राजनैतिक नियुक्तियों मे देरी हो रही।
वही दूसरी और अब राजनैतिक नियुक्तियों मे। नया फार्मूला बनाया है जिसके तहत चुनाव लड़ चुके नेताओं पदाधिकारियों को राजनीतिक नियुक्तियों नहीं दी जाएगी अर्थात इन नियुक्तियों से उनको वंचित रहना पड़ेगा और जो लंबे समय से पार्टी में सक्रिय होकर अभी तक पदों से वंचित रहे हैं उनको राजनीतिक नियुक्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी।
कांग्रेस आलाकमान की टीम ने राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों में यह नया फार्मूला तैयार कर लिया है और इस नए फार्मूले का अब कांग्रेश को आलाकमान की मंजूरी मंजूरी का इंतजार है आलाकमान से मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं का इंतजार अब खत्म होने वाला है। पार्टी हाईकमान और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल तथा प्रभारी अजय माकन ने मंथन पूरा कर लिया है और अब शीघ्र ही प्रदेश के नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियां मिल जाएगी ।
दरअसल चुनाव लड़ चुके नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखने की तैयारी की जा रही है। राजनीतिक नियुक्तियों के लिए नए मापदंड भी बनाए गए हैं, जिसके मुताबिक चुनाव लड़ चुके नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित नहीं किया जाएगा जिसके बाद से ही राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद पाले हारे हुए नेताओं में खलबली मची हुई ।
राजनीतिक नियुक्तियों को लिए पार्टी के शीर्ष स्तर पर नए मापदंड तैयार किए गए हैं, जिसके तहत विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी का टिकट पा चुके नेताओं और कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित नहीं किया जाएगा, चाहे फिर वह चुनाव जीते हो या फिर चुनाव हार गए हो।
नए फार्मूले के पीछे यह कारण..
नए मापदंड लागू करने के पीछे यही कारण है कि राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं और नेताओं की छंटनी करना है। राजनीतिक नियुक्तियों के लिए तय किए गए मापदंडों के फॉर्मूले को कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी का इंतजार है, कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद राजनीतिक नियुक्तियों में इस फॉर्मूले को लागू कर दिया जाएगा।
इनको नही मिलेगी राजनैतिक नियुक्तियां
विधानसभा, लोकसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव में टिकट पा चुके नेता और कार्यकर्ताओं का रिकॉर्ड तैयार कर प्रदेश प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय को भी भेजा जा चुका है।
5 साल पार्टी के लिए खूब मेहनत करने वालो को मिलेगा…
जिला-ब्लॉक और प्रदेश लेवल पर 30 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, जबकि पार्टी के पास लाखों कार्यकर्ताओं की फौज है। ऐसे में राजनीतिक नियुक्तियों में किसे समायोजित किया जाए किसे नहीं यही चिंता सत्ता से लेकर संगठन को खाए जा रही थी।
जिसके बाद राज्य की नियुक्तियों में समायोजित होने वाले नेता और कार्यकर्ताओं की छंटनी करने के लिए पार्टी में नए मापदंड तैयार किए गए हैं।
राजनीतिक नियुक्तियों में उन कार्यकर्ताओं नेताओं को समायोजित करने की तैयारी है जिन्होंने 5 साल पार्टी के लिए खूब मेहनत तो की लेकिन उन्हें किसी भी चुनाव में कोई टिकट नहीं मिल पाया।
मंथन तेज
राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर दिल्ली में मंथन तेज है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,सचिन पायलट और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से लगातार समन्वय कर राजनीतिक नियुक्तियों के लिए संभावित नामों पर मंथन कर रहे हैं।
किन-किन मे होनी है राजनैतिक नियुक्तियां
प्रदेश में जिन प्रमुख बोर्ड, निगम, आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं उनमें, महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, ओबीसी आयोग, एससी-एसटी आयोग, किसान आयोग, गौ सेवा आयोग, निशक्तजन आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, मदरसा बोर्ड, देवस्थान विभाग, हज कमेटी, अल्पसंख्यक वित्त निगम,
राजस्थान पर्यटन विकास निगम, हाउसिंग बोर्ड, माटी कला-केश कला बोर्ड, घूमंतु बोर्ड, बीज निगम, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति और यूआईटी में प्रदेश स्तरीय नियुक्तियां होनी हैं, जबकि इसके इसके अतिरिक्त जिला और ब्लॉक स्तरीय समितियों में भी राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं।