जयपुर।
नसीरुद्दीन शाह के बयान के बाद शुक्रवार को अजमेर लिटरेचर फेस्टिवल के उद्घाटन समारोह से पहले ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने नसीरुद्दीन के पोस्टरों पर कालिख पोत दी और बैनर फाड़ दिए। बवाल के चलते नसीरुद्दीन फेस्टिवल में आए ही नहीं आए। तीन दिवसीय फेस्टिवल का उद्घाटन समारोह दोपहर दो बजे रखा गया। समारोह के मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता शाह थे और समारोह में उनकी नई पुस्तक फिर एक दिन का विमोचन भी होना था। समारोह से पहले ही भाजपा कार्यकर्ता समारोह स्थल पर पहुंच गए।
कार्यकर्ताओं ने इंडोर स्टेडियम के बाहर और अन्दर लगे पोस्टर तथा बैनर फाड़ दिए एवं कालिख पोत दी। विरोध जताते हुए कार्यकर्ता मंच पर भी चढ़ गए और हंगामा किया। हंगामे के चलते पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। आयोजन समिति के सदस्य सोमरत्न आर्य और पुलिस ने कार्यकर्ताओं को समझाया लेकिन नहीं माने तथा नसीरुद्दीन को नहीं बुलाने पर अड़ गए। आखिरकार कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए शाह समारोह में नहीं आए। कार्यकर्ताओं ने आयोजनकर्ताओं को साफ चेतावनी दी कि अगर नसीरुद्दीन समारोह में आए तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ जाएगा।
यह कहा था शाह ने
भाजयुमो के जिलाध्यक्ष विनीत कृष्ण पारीक ने कहा कि शाह ने देश में रहकर, ‘पुलिस अफसर की हत्या से ज्यादा गाय की मौत का महत्व है, मुझे अपने बच्चों की चिंता है। विवादित बयान दिया है, उससे कार्यकर्ताओं में रोष पनपा है। शाह के बयान से खफा होकर कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया।
शाह शुक्रवार को अजमेर आए और सेंट एन्सलम स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए ,लेकिन विरोध जताने वाले कार्यकर्ताओं को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। ऐसे में शाह कब अजमेर आए और कब रवाना हो गए। प्रदर्शनकारियों को पता ही नहीं लग सका। भले ही कार्यकर्ताओं ने विरोध कर लिटरेचर फेस्टिवल में शाह को आने नहीं दिया।