
जयपुर। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जन की शिकायतों निस्तारण करने के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार से बुधवार 3 दिन मंत्रियों की जन सुनवाई होती है। 2-2 मंत्री जनसुनवाई करते हैं लेकिन मंत्रियों के जनसुनवाई कार्यक्रम में जयपुर के सिविल लाइंस से विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की अनदेखी कांग्रेस गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। जन सुनवाई के लिए प्रदेश कांग्रेस की ओर से जो दो रोस्टर जारी किए गए हैं उनमें प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम शामिल नहीं है।
लगातार दो जनसुनवाई के रोस्टर में प्रताप सिंह खाचरियावास का नाम नहीं होने से जयपुर की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ता भी हैरत में हैं। कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का नाम लगातार दो बार से रोस्टर में क्यों नहीं आ रहा, इस पर प्रदेश कांग्रेस के जिम्मेदार पदाधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत भी कर चुके हैं खाचरियावास की तारीफ
वहीं राजधानी जयपुर में कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के तौर पर जाना जाता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है खाचरियावास का सरकारी आवास भी 24 घंटे खुला रहता है, जहां पर कोई भी अपनी शिकायत को लेकर जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कैबिनेट की बैठक में खाचरियावास की तारीफ कर चुके हैं कि फरियादियों के लिए खाचरियावास का आवास हमेशा खुला रहता है और मंत्रियों को भी अपने दरवाजे जनता के लिए खोलने चाहिए।
आवास पर ही करते हैं प्रतिदिन जनसुनवाई
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास का नाम भले ही दो बार से जनसुनवाई के रोस्टर में नहीं आ रहा हो लेकिन प्रताप सिंह खाचरियावास सप्ताह में सातों दिन अपने सरकारी आवास पर जन सुनवाई करते हैं, जहां सैकड़ों की तादाद में फरियादी अपनी शिकायतें लेकर उनके पास जाते हैं।
धरने-प्रदर्शनों में भी रहते हैं आगे
कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद प्रताप सिंह खाचरियावास कांग्रेस की ओर से होने वाले धरने-प्रदर्शनों में भी सबसे आगे रहते हैं। जनहित से जुड़े मुद्दे हो या फिर केंद्र की नीतियों का विरोध, खाचरियावास सड़कों पर उतर कर आंदोलन करते हैं। हाल ही में प्रताप सिंह ने अग्निवीर योजना के विरोध के बाद आटा चावल और खाद्य पदार्थों में लगाई गई 5 फ़ीसदी जीएसटी के विरोध में भी 2 दिन लगातार जयपुर शहर में आंदोलन किए थे।
कभी सचिन पायलट के करीबी थे खाचरियावास
वहीं दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को कभी पूर्व डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट का बेहद करीबी माना जाता था, लेकिन सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद प्रताप सिंह खाचरियावास गहलोत कैंप में शामिल हो गए थे और उस दौरान जमकर पायलट कैंप पर निशाना भी साधा था।
इनका कहना है
मेरे दरवाजे तो 24 घंटे फरियादियों के लिए खुले रहते हैं। प्रतिदिन सैकड़ों लोग अपनी फरियाद लेकर मेरे आवास पर आते हैं, उनकी समस्याएं सुनता हूं। पीसीसी की जनसुनवाई के रोस्टर में मेरा नाम शामिल क्यों नहीं किया जाता, इस पर तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष ही बता सकते हैं।
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