मुख्मंत्री अशोक गहलोत ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील, लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur News। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन और किसान आंदोलन के दौरान निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार दोपहर ट्वीट कर किसानों से यह अपील की। उन्होंने लिखा कि किसान आंदोलन अभी तक शांतिपूर्ण रहा है। किसानों से अपील है कि शांति बनाए रखें और हिंसा न करें। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। यदि इस आंदोलन में हिंसा हुई तो यह किसान आंदोलन को असफल बनाने की कोशिश कर रही ताकतों के मंसूबों की कामयाब होगी। इसलिए हर हाल में शांति बनाए रखें।

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इससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में किसान आंदोलन के मसले पर मोदी सरकार की चुप्पी को लोकतंत्र के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक बात है कि देश का किसान जो अन्नदाता है, वह इतने समय से आंदोलन कर रहा है, लेकिंन केंद्र सरकार डेमोक्रेसी में विश्वास नहीं रखती है। यह चिंताजनक बात है कि देश का किसान इतने समय से आंदोलन कर रहा है, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। इस कड़ाके की ठंड में 70 दिन से किसान धरने पर बैठे हैं। आज ट्रैक्टर रैली निकाल रहे हैं। किसानों को गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर भी परेड करनी पड़ रही। ठंड में बैठ कर धरना देना पड़ रहा है, ऐसी स्थिति कभी नहीं थी। यह देश हित में नहीं है।

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गहलोत ने कहा कि देश में यह स्थिति कैसे पैदा हो गई? किसानों की भावनाओं को कोई समझ नहीं पा रहा है, यह बहुत चिंताजनक बात है। यहां जय जवान-जय किसान का नारा दिया जाता है। जवान भी बॉर्डर पर रक्षा कर रहा है और किसान को सडक़ों पर धरना देना पड़ रहा है। किसी को लंबे समय तक इस तरह से धरने पर बैठना पड़े, कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर वर्ग अपनी मांग रखता है, धरना भी देता है, लेकिन नाराज वर्ग को मनाने के लिए कोई तो रास्ता निकल सकता है। जिस कानून को लेकर जनता सडक़ों पर आ जाए उसे वापस लेना ही उचित होता है, इसमें गलत कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर सरकार सदन में ही विपक्ष की बात सुन ली होती तो ये नौबत देखने को नहीं मिलती। क्या डेमोकेसी में लोगों की मांग पर सरकार अपना फैसला नहीं बदलती है? अगर जनमत के पक्ष में सरकार को अपना फैसला बदलना पड़े तो उसे बदलना चाहिए। इससे अपमान नहीं होता, जनता की भावनाओं की कदर करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि किसानों से बात कर नया कानून लाया जा सकता है। मोदी सरकार का डेमोक्रेसी में विश्वास नहीं है, 70 दिनों में 150 किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार के कान तक नहीं फडफ़ड़ाएं हैं। उन्होने कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि हिंदुस्तान में क्या हो रहा है. किसान सडक़ों पर आंदोलन कर रहा है और सरकार अपने अहम में है, ऐसा देश में कभी भी नहीं हुआ है।

गहलोत ने कहा कि कोरोना के माहौल में केन्द्र सरकार सरकारें गिराने का खेल रच रही है। राजस्थान में इन्हें मुंह की खानी पड़ी। देश में ऐसे तमाशे पहली बार हो रहे हैं। लोकतंत्र में असहमति का स्वागत करना चाहिए, लेकिन आज ऐसे असहमति जताने वाले लोगों को देशद्रोही कहा जाता है। पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी पर गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार अपनी अर्थव्यवस्था पर बोलना नहीं चाहते। यूपीए गवर्नमेंट के दौर में विपक्ष में रहकर ये हल्ला मचाते थे, लेकिन अब चुप है। केन्द्र का वित्तीय प्रबंधन फेल है। देश आर्थिक संकट में है। बेरोजगारी-बेकारी बढ़ गई है। जीडीपी माइनस में जा रही है। नौजवान भविष्य को लेकर चिंतित है। इसकी चिंता सरकार को नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बजट को लेकर सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। गुड गर्वनेंस को ध्यान में रखते हुए हम पानी, बिजली, सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं पर फोकस करते हुए बजट में नौजवानों पर ध्यान दे रहे हैं। गुजरे 2 सालों में हमने सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों को टच करने का प्रयास किया है, जब इन्वेस्टमेंट आने लगेगा तब हर क्षेत्र में नौकरियों के साथ प्रगति की राह खुलेगी। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली में राज्यों की सुनने वाला कोई नहीं है। जहां भाजपा की सरकारें हैं, उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव हो रहा है। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान भाजपा में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब यहां कर व्यक्ति दूसरे की लाइन क्रास कर आगे बढऩा चाह रहा है। मोदी जी के बनाए मापदंडों के अनुसार कटारिया को अब घर बैठ जाना चाहिए, ऐसे में वे जो मन में आए बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि डब्ल्युएचओ के सभी मापदंडों पर राजस्थान कोरोना के साथ वैक्सीनेशन पर खरा उतरा है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम