Jaipur। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि मोदी सरकार कालेधन (Modi government black money) को सफेद करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral bond) का पैंतरा लेकर आई है और इसका सर्वाधिक फायदा भी भाजपा को ही मिला है। गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार को इलेक्टोरल बॉन्ड को खत्म कर सुप्रीम कोर्ट को इलेक्टोरल बॉन्ड पर दायर याचिका को एक लॉजिकल निष्कर्ष (Logical conclusion) तक ले जाकर एक ऐसा तरीका बनाना चाहिए जिससे राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता आए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने शनिवार को ट्वीट (Tweet) कर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा कि चुनाव आयोग, रिजर्व बैंक और विपक्षी पार्टियों के विरोध के बावजूद मोदी सरकार कालेधन को सफेद करने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड लेकर आई। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार रिजर्व बैंक गवर्नर ने साफ कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड से मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा मिल सकता है। 2017-18 में इलेक्टोरल बॉन्ड का 95 प्रतिशत चन्दा भाजपा को ही मिला। 2019 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड पार्टियों को मिलने वाले चंदे की पारदर्शिता को खत्म कर देगा लेकिन अब इलेक्शन कमीशन का रुख नरम हो गया है। मोदी सरकार को अविलंब कालेधन को बढ़ा रहे इलेक्टोरल बॉन्ड को खत्म करना चाहिए।
गहलोत ने लिखा कि सिर्फ इससे ही काम नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट को इलेक्टोरल बॉन्ड पर दायर याचिका को एक लॉजिकल निष्कर्ष तक ले जाकर एक ऐसा तरीका बनाना चाहिए जिससे राजनीतिक पार्टियों की फंडिंग में पारदर्शिता आए। मोदी जी ने वादा किया था कि वो कालाधन खत्म करेंगे लेकिन ना तो वो विदेश से कालाधन ला सके और ना ही नोटबन्दी से कालाधन कम हुआ।
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