मिशन 2023ः मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर सीएम गहलोत की नजर, अगस्त-सितंबर में फिर मंत्रिमंडल पुनर्गठन के संकेत

Sameer Ur Rehman
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-तीसरे और अंतिम मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर शीर्ष स्तर पर मंथन
-प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी कह चुके हैं मंत्रिमंडल पुनर्गठन की बात
-तीसरे और अंतिम मंत्री ब्लॉक पुनर्गठन में नाराज वरिष्ठ विधायकों को किया जाएगा एडजस्ट

जयपुर। प्रदेश में साल 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सत्ता और संगठन अभी से ही जुट गए हैं। बंपर राजनीतिक नियुक्तियां करने के बाद अब राज्य की गहलोत सरकार में एक और मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा चल पड़ी है। बताया जा रहा है कि अगस्त या सितंबर माह में तीसरा और अंतिम मंत्रिमंडल पुनर्गठन हो सकता है।

जानकारों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि तीसरे मंत्री पुनर्गठन गठन के जरिए विधानसभा चुनाव से पहले नाराज वरिष्ठ विधायकों को मनाने की कवायद के तौर पर उन्हें मंत्रिमंडल पुनर्गठन में जगह मिल सकती है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से तकरीबन 15 विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में एडजस्ट किया गया है लेकिन बावजूद इसके कई वरिष्ठ विधायक ऐसे हैं जो अंदर खाने पार्टी और सरकार से नाराज चल रहे हैं। इनकी नाराजगी विधानसभा सत्र के दौरान पर सामने आई थी जब कई वरिष्ठ विधायकों ने सरकार और मंत्रियों को को अपने निशाने पर लिया था।

मंत्रियों की परफॉर्मेंस पर सीएम की नजर

वहीं बताया जा रहा है कि नए और पुराने दोनों मंत्रियों के कामकाज पर इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नजर बनी हुई है साथ में मुख्यमंत्री लगातार सभी मंत्रियों के परफॉर्मेंस की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और उसी के आधार पर कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रिमंडल से बाहर होंगे और उनकी जगह तीसरे और अंतिम मंत्रिमंडल पुनर्गठन में दूसरे विधायकों को मौका दिया जाएगा।

तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन की एक वजह यह भी

दरअसल तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन की एक वजह यह भी है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार अपने विधायकों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है, और सब को संतुष्ट करके एकजुटता के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहती है।

अजय माकन भी कह चुके हैं मंत्रिमंडल पुनर्गठन की बात

प्रदेश प्रभारी अजय माकन दूसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन के दौरान आगे तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन की बात कह चुके हैं। माकन का कहना था कि यह अंतिम मंत्रिमंडल नहीं है आगे भी मंत्रिमंडल का गठन की संभावनाएं रहेंगी।

3 साल के बाद हुआ था मंत्रिमंडल पुनर्गठन

वहीं अशोक गहलोत सरकार का दूसरा मंत्रिमंडल पुनर्गठन 3 साल के बाद बीते साल 21 नवंबर को हुआ था, जिसमें कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद सिंह डोटासरा को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। शकुंतला रावत, भजन लाल जाटव, हेमाराम चौधरी, ममता भूपेश, महेश जोशी, रमेश मीणा और टीकाराम जूली को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई थी वहीं मुरारी लाल मीणा, बृजेंद्र ओला और जाहिदा खान को राज्य मंत्री की शपथ दिलाई गई थी।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/