सर्वे रिपोर्ट के चलते कटे मंत्रियों के टिकट!

liyaquat Ali
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जयपुर, । चुनावी घमासान के बीच भाजपा की ओर से जारी की गई 31 सीटों पर प्रत्याशियों की दूसरी सूची में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के तीन मंत्रियों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कैंची चला दी है। पार्टी ने दूसरे उम्मीदवारों को इनके सीट से मैदान में उतारा है। तीन मंत्रियों के टिकट कटने के बाद से सियासी पारा चढ़ गया है। होल्ड पर रखे गए वसुंधरा के खासमखास यूनुस खान सहित चार मंत्रियों की धड़कनें बढ़ गई है।

बताया जा रहा है कि जिन मंत्रियों का टिकट कटा है उसका आधार संघ का सर्वे है जिस पर शाह की कैंची चली है। भाजपा 162 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। खास बात यह है कि इस बार हर सीट को लेकर पार्टी के चाणक्य अमित शाह की टीम नजर बनाए हुए है। टिकटों की घोषणा के दौरान शाह पार्टी के सर्वे रिपोर्ट के साथ ही विस्तारकों और आरएसएस से मिले फीडबैक को ध्यान में रखते हुए फैसला कर रहे हैं। पार्टी की ओर से जारी की गई दूसरी सूची में भी शाह के जमीनी रिपोर्ट का असर देखने को मिला है। सूत्रों ने बताया कि आरएसएस की ओर से दी गई रिपोर्ट में कई मंत्रियों के कामकाज को लेकर आपत्ति जताई गई है।

इसलिए कटे इन मंत्रियों के टिकट

देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा का टिकट शाह ने उनके अपने क्षेत्र में फैले एंटी इंकम्बेंसी के कारण काटा है। साथ ही खान मंत्री रहते हुए सबसे बड़े घोटाले के बाद से ये राडार पर बने हुए थे। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है लेकिन शाह की ओर से कराई सर्वे रिपोर्ट में जमीनी स्तर पर रिपोर्ट खराब मिलने के कारण टिकट काटा गया है।
वसुंधरा सरकार में ग्रामीण पंचायती राज मंत्री धन सिंह रावत का टिकट उनके क्षेत्र में व्याप्त भारी विरोध के चलते काटा गया है। रावत के खिलाफ संगठन के साथ ही जमीनी स्तर पर नाराजगी बनी हुई थी। यही वजह है कि इस बार शाह ने रावत पर भरोसा नहीं जताया है।

भाजपा में सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा परिवहन मंत्री यूनुस खान हैं। डीडवाना से मौजूदा विधायक हैं। माना जा रहा है कि भाजपा संभवत: राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश की तरह ही हिंदुत्व का कार्ड खेलना चाहती है। इसलिए अब तक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में से 23 सीटों पर नाम घोषित नहीं किया गया है। श्रम मंत्री और बहरोड से भाजपा विधायक जसवंत यादव का टिकट भी लटका हुआ है। यादव के टिकट पर संकट का एक बड़ा कारण अलवर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार है।

थानागाजी से विधायक को सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री हेमसिंह भड़ाना का टिकट भी अब तक घोषित नहीं हो पाया है। आरक्षण को लेकर जिस तरह गुर्जर समाज भाजपा से नाराज चल रहा है, उसके चलते भडाना का टिकट काटना आसान नहीं होगा। भाजपा की ओर से अब तक दो सूचियों में घोषित नामों में सरकार में खान राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी का नाम शामिल नहीं है। टीटी करणपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने जो ग्राउंड सर्वे कराया है उसमें करणपुर विधानसभा क्षेत्र से टीटी की रिपोर्ट बेहद कमजोर आई है।

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