
जयपुर। प्रदेश में गहलोत सरकार के संभावित तीसरे मंत्रिमंडल फेरबदल से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों की परफॉर्मेंस का पैमाना मापने के लिए विभागवार कामकाज फीडबैक लेने का फैसला लिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 21 और 22 जुलाई को जयपुर के ओटीएस में 2 दिन बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार के कामकाज के साथ-साथ फ्लैगशिप योजना और बजट घोषणा और जन घोषणा पत्र के वादों के क्रियान्वयन के बारे में मंथन होगा। मंथन बैठक के जरिए मंत्रियों से पूछा जाएगा कि उनके विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं, जन घोषणा पत्र के कितने वादों पर काम हुआ है और कितने वादे अभी पेंडिंग पड़े हैं।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो मंथन बैठक के पहले दिन तमाम विभागों के मंत्री अपने-अपने विभागों के कामकाज का प्रेजेंटेशन देंगे। जनहित से जुड़े कितने मुद्दों पर काम हुआ है इस पर भी अपना प्रेजेंटेशन देंगे। इसके बाद दूसरे दिन तमाम विभागों के प्रमुख अधिकारी भी विभागवार अपना प्रेजेंटेशन देंगे।
सूत्रों की माने तो सरकार में कई विभाग ऐसे हैं जिनके कामकाज से मुख्यमंत्री खुश नहीं हैं। कैबिनेट की बैठकों में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार मंत्रियों को अपने-अपने विभागों में कामकाज को गति देने के निर्देश दे चुके हैं, साथ ही यह भी निर्णय दे चुके हैं कि अगर कोई अधिकारी सरकार के कामकाज में अड़ंगा लगाता है तो उसके खिलाफ शिकायत सीधे मुख्यमंत्री को दें उस अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की छुट्टी होगी
सरकार के कामकाज को लेकर 2 दिन चलने वाली समीक्षा बैठक दौरान ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रियों की परफॉर्मेस रिपोर्ट तैयार करेंगे और कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियो को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है और उनके स्थान पर नए और वरिष्ठ लोगों को मौका दिया जा सकता है।