जयपुर
राज्य में हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के कारण जानने निकले पार्टी नेताओं को कार्यकर्ताओं को रोष का सामना करना पड रहा है। जिला स्तर पर हो रही बैठकों में हार के अनेक कारण सामने आ रहें हैं वहीं इसके लिए नोटबंदी, जीएसटी और एससी एसटी एक्ट में संशोधन को बडा कारण बताया गया है। इसके अलावा पार्टी नेताओं की जमीनी कार्यकर्ताओं से दूरी भी हार का बडा कारण रही है। बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा है कि पार्टी ने पांच साल तक संगठन के इतने काम दिए कि हमें अहसास ही नहीं हुआ कि प्रदेश में हमारी सरकार है। कार्यकर्ताओं ने हार के लिए सरकार और संगठन को जिम्मेदार ठहराया।
जयपुर शहर की मंथन बैठक रविवार को सिविल लांइस स्थित केशव नगर सामुदायिक केंद्र में जयपुर शहर प्रभारी ओंकार सिंह लखावत और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश की अध्यक्षता में हुई। इसमें सतीश और लखावत ने विधानसभावार कार्यकर्ताओं से पार्टी की हार के कारण पूछे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेताओं के सामने अपनी भडास निकाली। कार्यकर्ताओं ने हार के लिए नोटबंदी, जीएसटी, एससी.एसटी एक्ट में संशोधन और नगर निगम और मेयर की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया।
करीब दो घंटे तक चली बैठक में एक भी निर्वाचित विधायक नहीं पहुंचे। इसके अलावा पूर्व विधायक में से केवल तीन ही बैठक में शामिल हुए। मीटिंग में जयपुर शहर कार्यकारिणी के सदस्य, सभी मंडल अध्यक्ष और पूर्व विधायक शामिल हुए।
मंथन बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि पांच साल तक सरकार और संगठन में हमारी अनदेखी की गई। हमें पांच साल तक अहसास ही नहीं हुआ कि प्रदेश में हमारी सरकार है। सरकार और विधायकों ने हमारे काम नहीं किए। संगठन में भी हमारी शिकायत सुनी नहीं गई। पांच साल तक हम संगठन के कार्यक्रमों ही व्यस्त रहे। संगठन ने भी इस बार सबसे ज्यादा कार्यक्रम दिए।
बैठक के दौरान ही विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के दो गुट आमने सामने हो गए। विद्याधर नगर के संगठन पदाधिकारियो ने कहा कि पांच साल तक विधायक ने हमसे सम्पर्क नहीं किया। इसके बावजूद हमने चुनाव में विधायक को जिताया। इस पर विधायक नरपत सिंह राजवी के समर्थकों ने कहा कि विद्याधर नगर में संगठन ने काम नहीं किया। विधायक की पर्सनल टीम ने काम किया। जिसके कारण वह चुनाव जीते। इस पद दोनों पक्षों में बहस शुरू हो गई। लखावत ने दोनों पक्षों को शांत किया।