ओबीसी आरक्षण पर अपनी ही सरकार से आर-पार के मूड में विधायक, हरीश चौधरी के बाद मदन प्रजापत ने भी खोला मोर्चा

Madan Prajapat also opened a front after Harish Chaudhary, MLA in a mood to fight with his own government on OBC reservation

जयपुर। प्रदेश में 17 अप्रेल 2018 को दिए कार्मिक विभाग के आदेशों का खमियाजा ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है, ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी कोटे में भूतपूर्व सैनिकों को शामिल किए जाने से नाराज कांग्रेस विधायकों ने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन की चेतावनी तक दे डाली।

कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी के बाद अब मदन प्रजापत ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हस्तक्षेप की मांग की है और कार्मिक विभाग के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर ओबीसी वर्ग से जुड़े बेरोजगार युवाओं ने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर ओबीसी आरक्षण को पुनः बहाल करने की मांग छेड़ रखी है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कार्मिक विभाग के आदेश को निरस्त करने की मांग की है।

कांग्रेस से जुड़े नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि भूतपूर्व सैनिकों को 12.5 फ़ीसदी आरक्षण अलग से दिया जाना चाहिए उन्हें ओबीसी वर्ग के 21 फ़ीसदी आरक्षण में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। साल 2018 से पहले भूतपूर्व सैनिकों को 12. 5 फ़ीसदी आरक्षण अलग से मिलता था।

इस आदेश का खमियाजा भुगत रहे ओबीसी अभ्यार्थी

कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 18 को एक आदेश जारी हुआ था जिसमें भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे 12.5 फ़ीसदी आरक्षण को समाप्त कर उन्हें ओबीसी वर्ग के 21 फ़ीसदी आरक्षण शामिल कर दिया राजस्थान में अधिकांश पूर्व सैनिक ओबीसी वर्ग से ही आते हैं। ऐसे में साल 2018 के बाद हुई भर्तियों में से अधिकांश भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को ही ओबीसी वर्ग के 21 फ़ीसदी आरक्षण में नौकरी दे दी गई है जबकि ओबीसी वर्ग के बेरोजगार युवाओं का नंबर उन नौकरियों में नहीं लग पाया।

बड़ी बात तो यह है कि भूतपूर्व सैनिकों को 21 फ़ीसदी आरक्षण में प्राथमिकता दी जाती है और उसके बाद बचे पदों पर ओबीसी के वर्ग के बेरोजगार युवाओं का नंबर आता है। कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में कार्मिक विभाग की ओर से 17 अप्रैल 2018 को नियम संशोधन करके ओबीसी के पदों में ही भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण दे दिया गया है जो कि संवैधानिक रूप से सही नहीं है अतः इस नियम में बदलाव कर इस नियम से प्रभावित पद की भरपाई की जाए।

हरीश चौधरी ने दी आंदोलन की धमकी

ओबीसी आरक्षण को बहाल करने की मांग को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने भी अपनी सरकार के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए मोर्चा खोल दिया था और साथ ही कहा था कि अगर सरकार इस विषय पर जल्द से जल्द फैसला नहीं देती है तो पूरे प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसका नुकसान पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी उठाना पड़ सकता है।