जयपुर। प्रदेश भाजपा में छत्तीसगढ़ के रिएक्शन से बुखार चढ़ गया है, यहां पर पहली ही सूची में मौजूदा विधायकों के टिकट काटने की सूचना पर राजस्थान के मंत्रियों और विधायकों का पारा चढा हुआ है।
चुनाव के मैदान में उतर चुकी भाजपा के सामने इस बार एंटी इंकंबेसी के बीच अपनी सत्ता को बचाए रखने की बड़ी चुनौती है उपचुनाव के बाद से अब तक पार्टी स्तर पर किए गए सर्वे और दौरों के दौरान कई विधायकों के खिलाफ नाराजगी सामने आ चुकी है साथ ही इनकी परफोर्मेंस भी बेहतर नहीं मिली।
रणकपुर और जयपुर में सभी सीटों पर हुई रायशुमारी के दौरान आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के साथ ही करीब डेढ़ दर्जन विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ता और स्थानीय संगठन पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। राज्य में बने एंटी इंकंबेसी को कम करने के लिए पार्टी ने अंदरखाने कई विधायकों के टिकट कटने के संकेत दे दिए हैं।
माना जा रहा है कि इस बार करीब 40 से 50 फीसदी विधायकों के टिकट कट सकते हैं लेकिन, इससे पहले छत्तीसगढ़ में पार्टी स्तर पर जारी की गई प्रत्याशियों की सूची के दौरान 78 सीटों में से 14 विधायकों के टिकट काटने पर बवाल मच गया। पार्टी के पदाधिकारियों ने नई रणनीति तय की है इसमें टिकट काटने से पहले विधायकों को विश्वास में लिया जाएगा तथा उन्हें सरकार बनने के बाद दूसरी पोस्ट देने का वायदा किया जाएगा। जिससे उनके समर्थकों की तरफ से कोई विरोध सामने नहीं आए।
चुनाव के मैदान में जीत हासिल करने के लिए भाजपा के स्तर पर जिताऊ प्रत्याशियों के चयन को लेकर मशक्कत जारी है मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्यों ने मिलकर दो चरणों में 200 सीटों पर रायशुमारी का काम पूरा कर लिया है इसमें सामने आए दावेदारों के नाम पर कोर कमेटी की बैठक में मंथन किया जा रहा है।
इन विधायकों के मंत्रियों के टिकट कर सकते हैं टोंक से कन्हैया लाल चौधरी निवाई से हीरा लाल रेगर केकड़ी से शत्रुघ्न गौतम कोटा से भवानी सिंह राजावत पहलाद गुंजल,अजमेर से अनिता भदेल वासुदेव नानी अंता सेव मंत्री प्रभुलाल सैनी कोटा से भवानी सिंह राजावत पहलाद गुंजल
आदि नाम समाने आ रहे है।