राजस्थान में नेता अपराधियों को दे रहे हैं सरंक्षण ?सामने आया दोहरा चेहरा,कैसे खत्म होगा अपराध

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ राजनीति मे चाहे वह कोई सा भी दल हो अर्थात कांग्रेस हो या भाजपा, सपा हो या बसपा या भाकपा,माकपा सभी अपने चुनावी भाषण हो या फिर रैलियां सब मे कहते है की वह प्रदेश को अपराध मुक्त बनाऐंगे आमजन को अपराधियों से राहत दिलाऐंगे लेकिन अपवाद को छोडकर सभी अपराधियों की गोद मे बैठ जाते है या फिर अपराधियों को अपनी गोद मे बिठा लेते है अर्थात उन्हे सरंक्षण व सर्मथन देते है ।

यह हम नही कह रहे हैं इसका ज्वलंत उदाहरण शनिवार को राजस्थान मे देखने को मिला जब राजस्थान के सीकर मे हुई गैंगवार मे राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेठ को उसके ही घर के बाहर दूसरी गैग के अपराधियों ने गोलियों से भून कर मार डाला । इस हत्याकांड की जिम्मेदारी भी राजस्थान के ही गैंगस्टर आनंदपाल के गिरोह के साथी ने ली ।

इस घटना के विरोध मे एक और राजू ठेठ गिरोह के सदस्यो ने और जाट समाज सडको पर उतर आया और सीकर बंद करा दिया तथ आरोपियों की गिरफ्तारी नही होने तक मृतक गैंगस्टर राजू ठेठ के शव का पोस्टमार्टम न कराने और लाश नहीं उठाने का ऐलान कर अस्पताल की मोचरी के बाहर धरना दे दियाा ।

लेकिन आश्चर्य की बात तो यह हुई की इस विरोध के समर्थन मे लाडनूं से सत्तापक्ष के कांग्रेस के विधायक मुकेश भाकर , विश्वविधालय छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी,सीचर से भाजपा के सासंद सुमेधानंद सरस्वती भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हरिराम रणवा,पूर्व विधायक रतनलाल जलधारी, विधारक बंशीधर बाजिया, पूर्व विधायक गोवर्धन वर्मा सहित कई नेता उतर आए ही नहीं वरन समर्थन मे धरने पर बैठ गए ।

अब सवाल यह उठता है की यह नेता एक तरफ तो अपराध को खत्म करने की बातें सार्वजनिक रूप से जनता के सामने बोलते है और दूसरी और गैंगस्टर राजू ठेठ जिसके खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश, रगंदारी(वसूली) जैसे संगीन 16 मामले दर्ज है और

 जो राजस्थान मे अपराध की दुनिया का बादशाह है उसके समर्थन मे सडक टर आना क्या साबित करता है ? की यह नेता अपराध को बढवा दे ही नही रहे वरन अपराधियों को सरंक्षण दे रहे है और स्वंय अपराधियो की गोद मे बैठे है ।

ऐसी हालत मे राजस्थान की जनता की अपराधियों से कैसे होगी सुरक्षा और कैसे होगा राजस्थान अपराध मुक्त ? अखिर इन नेताओं को गैंगस्टर राजू ठेठ के समर्थन मे सडक पर क्यों उतरना पडा ? क्या इन नेताओं की मजबूरी थी ? अगर मजबूरी है तो क्या ? क्या चुनावो मे इन नेताओं के लिए बूथ कैंपचरिंग, सीधे तरीके से चुनावी चंदा नही देने वाले को डरा धमका वसूली करने का काम यही गैंगस्टर करते है ?

क्या इन नेताओ का इन गैंगस्टर के बिना कोई बजूद नहीं राजनीति करना संभव नही चुनाव लडना सभंव नही ? ऐसे कई सवाल है जो इन नेताओं के दोहरे चेहरे को उजागर करते है और इनको कटघरे व संदेह के दायरे मे लाते है

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम