Jaipur/ राकेश पारीक। देश कोरोना की चपेट में है। पहली लहर से भी ज्यादा खतरनाक है दूसरी लहर और यही कारण है कि मृत्यु दर भी इसमें ज्यादा है। नवंबर में आने वाली संभावित तीसरी लहर को ज्यादा खतरनाक इसलिए बताया जा रहा है कि कई देशों में तीसरी से निकलकर चौथी लहर भी आ चुकी है। यह हर लहर पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत में आने वाली तीसरी लहर भी पहले से ज्यादा खतरनाक होगी।
दूसरी लहर में 30 से 50 साल के लोग ज्यादा संक्रमित हुए हालांकि तीसरी लहर का प्रभाव इस पर निर्भर करेगा कि देश में वैक्सीनेशन किस स्तर पर हुआ। लहर आने से पहले कितने लोगों को वैक्सीनेशन की मिली। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कैसे हो रहा है।
कोरोना की तीसरी लहर बड़ी घातक होगी। लेकिन वैक्सीनेशन, कोरोना प्रोटोकॉल और हमारे सामाजिक व्यवहार से तय होगा कि यह कितनी असरकारक होगा बच्चों और देश को बचाने के लिए हर व्यक्ति को खुद संभलना होगा। देश में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ानी होगी क्योंकि कोरोना की तीसरी लहर पर काबू पाने के लिए सबसे बड़ा हथियार है।
टोंक जिले में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है 18 से 45 उम्र के लोगों के लिए देरी से शुरू हुई जिले में वैक्सीनेशन अभी ज्यादा नहीं हुई है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जिले में हो रहा है। लेकिन वैक्सीनेशन की गति जिला प्रशासन को बढ़ानी होगी साथ ही लोगों को जागरूक करना होगा।
वैक्सीनेशन से जुड़े कुछ तथ्य जो आपको जानना जरूरी है।
1. सबसे पहले आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आएगा जिसमे टीकाकरण की निर्धारित तारीख, स्थान और समय के बारे में जानकारी दी जाएगी।
2. सबसे पहले cowin.gov.in की वेबसाइट पर जाएं और अपना मोबाइल फ़ोन नंबर दर्ज करें। आपके नंबर पर आपको एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। इस नंबर को वेबसाइट पर पर लिखे ओटीपी बॉक्स में लिखें और वेरिफ़ाई लिखे आइकन पर क्लिक करें। इससे ये वेरिफ़ाई हो जाएगा।
3. कोविड – 19 का टीकाकरण स्वैच्छिक है | फिर भी, कोविड 19 वैक्सीन की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है। जिससे लोग खुद को सुरक्षित कर सकें और इस बीमारी को परिवार के सदस्यों, मित्रों, सम्बन्धियों और सहकर्मियों सहित करीबी संपर्क वाले लोगों में फैलने से रोक सकें।
4. टीकाकरण के मुख्य दो प्रकार हैं। सक्रिय टीकाकरण और निष्क्रिय टीकाकरण। बच्चे के शरीर को कुछ बीमारियों के खिलाफ़ लड़ने के लिए दोनों तरह के टीके तैयार करते हैं। सक्रिय टीकाकरण। सक्रिय टीकाकरण के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले पदार्थ को “टीके” के रूप में जाना जाता है।
5. इस बात के वैज्ञानिक सबूत हैं कि टीकाकरण गंभीर संक्रमणों से सबसे अच्छा बचाव है। कोविड-19 वैक्सीन लोगों को बहुत बीमार होने से बचा सकता है। हालांकि ये स्पष्ट नहीं है कि वैक्सीन लोगों को कोविड-19 फैलाने से रोकने के मामले में कितनी सुरक्षा देती है।
6. टीकाकरण एक एंटीजेनिक पदार्थ या वैक्सीन के प्रशासन की प्रक्रिया है जो एक या अधिक बीमारियों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करता है। यह मानव शरीर में प्रतिरक्षा को उत्तेजित करता है और टीकाकरण वाले व्यक्ति को संक्रमण से बचाता है और रोग की शुरुआत को रोकता है।
7. भारत में एक मई से 18 साल से बड़े लोगों को वैक्सीन लगना शुरू हुई। बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।
भारत में कोविड वैक्सीनेशन का तीसरा चरण एक अप्रैल से शुरू हुआ है. तीसरे चरण में 45 साल से अधिक उम्र वालों को वैक्सीन लगाई गई। इससे पहले दूसरा चरण में 60 साल से ज़्यादा उम्र वाले और किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन दी गई थी।