नई दिल्ली
उत्तर कोरिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ परमाणु कार्यक्रम पर असफल वार्ता के बाद अपने एक राजनयिक समेत 5 अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया है. सजा-ए-मौत पाने वालों में से वॉशिंगटन के साथ बातचीत का रास्ता निकालने वाले यूएस के लिए उत्तर कोरिया के विशेष दूत भी शामिल हैं.
दक्षिण कोरिया के अखबार चोसुन इल्बो में दावा किया गया है कि उत्तर कोरिया प्रमुख किम जोंग उन और यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच दूसरी शिखर वार्ता असफल होने के बाद राजनयिक को गोली से भुनवा दिया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हनोई में हुई बैठक के लिए जमीनी तौर पर काम करने वाले किम ह्योक चोल उत्तर कोरियाई प्रमुख किम जोंग उन के साथ उनकी निजी ट्रेन से उनके साथ ही पहुंचे थे. उन्हें ‘सर्वोच्च नेता के साथ धोखा करने’ के लिए मौत की सजा दी गई.
दक्षिण कोरियाई अखबार ने सूत्र के हवाले से लिखा है, एक जांच के बाद किम ह्योक चोल समेत विदेश मंत्रालय के 4 अधिकारियों की मार्च में मिरिम एयरपोर्ट पर हत्या कर दी गई थी. हालांकि, दूसरे अधिकारियों के नाम सामने नहीं आए हैं.
फरवरी में हुई हनोई समिट में किम ह्योक चोल यूएस के विशेष प्रतिनिधि स्टीफेन बीगन के उत्तर कोरियाई समकक्ष थे. उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया के संबंधों को देखने वाले दक्षिण कोरिया के मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है.
अखबार ने यह भी कहा है कि किम जोंग उन के इंटरप्रिटर शिन हाये यॉन्ग को भी समिट के दौरान एक गलती की वजह से जेल भेज दिया गया था.
जब ट्रंप ने कोई डील नहीं करने की घोषणा कर दी तो वह किम के नए प्रस्ताव का अनुवाद करने में असफल रहीं और वहां से चली गईं.
बता दें कि किम जोंग उन और ट्रंप के बीच प्योंगयांग के परमाणु कार्यक्रम और अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत को लेकर कोई समझौता नहीं हो सका था.
इसके बाद उत्तर कोरिया ने दबाव बढ़ाने के लिए मई महीने में दो कम दूरी की मिसाइलों का परीक्षण किया.परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता में शामिल रहे अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पोम्पियो के उत्तर कोरियाई समकक्ष किम यॉन्ग चोल को भी लेबर कैंप भेज दिया गया था.
हालांकि, दक्षिण कोरियाई अखबार चोसुन इल्बो की इससे पहले एक रिपोर्ट गलत निकली थी जिसमें एक अधिकारी ह्योन सॉन्ग के पॉर्न देखने और दिखाने पर फायरिंग स्क्वॉयड से मरवाने का दावा किया गया था.