Jaipur। कोरोनावायरस संक्रमण काल और संक्रमण की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार केंद्रीय बोर्ड राजस्थान सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर विद्यार्थियों को और अभिभावकों को राहत तो दे दी लेकिन बोर्ड परीक्षाओं का जो शुल्क विद्यार्थियों से वसूला गया था वह शुल्क केंद्रीय बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के विद्यार्थियों को वापस लौट आएगा इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है और अभिभावक दोनों ही बोर्ड से विद्यार्थियों का जमा शुल्क वापस लौटाने की मांग करने लगे हैं ।
सत्र 2020-21 की परीक्षा निरस्त होने से बोर्डों को परीक्षा कार्यों में विभिन्न मदों में होने वाला व्यय जैसे परीक्षा केंद्रों का व्यय, परीक्षकों पर व्यय, उत्तर पुस्तिकाएं बनवाने और जांचने में होने वाला व्यय, परिवहन व्यय, परीक्षा केंद्रों की वीडियो, फोटोग्राफी का खर्च और अन्य प्रशासनिक खर्च इत्यादि की बचत हुई है।
राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए प्रदेश के 21 लाख अभिभावकों से 140 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई थी, जबकि सीबीएसई बोर्ड ने करीबन 1500 करोड़ रुपए से अधिक जुटाए हैं। अभिभावक पहले ही ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं ।
केंद्रीय बोर्ड राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में अभी तक विद्यार्थियों का शुल्क लौटाने के बारे में कोई रणनीति नहीं बनाई है
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