केन्द्र सरकार कोरोना महामारी में राजनीति छोड,वैक्सीनेशन, रेमडीसीवीर इंजेक्शन व ऑक्सीजन राज्यों को दे – सचिन पायलट

Dr. CHETAN THATHERA
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File Photo -Sachin Pilot

Jaipur।पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कोविड के गहराते प्रकोप के समय में वैक्सीन, ऑक्सीजन और रेमडीसीवीर के प्रबंधन को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस समय जबकि देश में रोजाना तीन लाख से अधिक कोविड केस रिपोर्ट होने लगे हैं, सभी को प्रमुख रूप से जीवन बचाने पर ही ध्यान देना होगा। राजनीति और चुनाव तो आते जाते रहेंगे लेकिन समय पर जनता को वैक्सीन नहीं लगी और सभी जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन और रेमडीसीवीर जैसी जीवन रक्षक दवाई नहीं मिली तो भविष्य की पीढियां हमें माफ नहीं करेंगी।

वैक्सीन की एक डोज की चार दरों के निर्धारण पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने कहा है कि जिस वैक्सीन को भारत सरकार दो निर्माताओं से 157 रु की दर से खरीद रही है उसी वैक्सीन की 6 करोड़ डोज पीएम केअर फण्ड के माध्यम से एक निर्माता से 210 रु और 1 करोड़ डोज दूसरे निर्माता से 310 रु में खरीदी गई है जिससे जनता के मन में सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि एक ही वैक्सीन के तीन दाम तय करके भारत सरकार ने भविष्य के लिए जनता को भारी कठिनाई में डाल दिया है। यह बहुत ही विचित्र निर्णय है कि एक ही वैक्सीन भारत सरकार को 150 रु में, राज्य सरकारों को 400 रु में और निजी अस्पतालों को 600 रु में सप्लाई की जाएगी।

“वन नेशन वन वैक्सीन वन रेट” आज की सबसे बड़ी जरूरत है जिससे वैक्सीन की जमाखोरी और कालाबाजारी पर नियंत्रण हो सके, पायलट ने कहा। उन्होंने कहा कि सभी दलों की राज्य सरकारें कोविड के संकट से अपने संसाधनों के साथ पहले से ही जूझ रही हैं, ऐसे में वैक्सीन का खर्च केंद्र सरकार को ही वहन करना चाहिए। वैक्सीन की 6 करोड़ डोज के निर्यात पर प्रश्न उठाते हुए पायलट ने कहा कि ये बहुत ही अफसोसजनक है कि भारतीय वैक्सीन निर्माता को विदेशी सरकारों ने भारत सरकार से पहले ही आपूर्ति आदेश दे दिए थे।

पायलट ने ऑक्सीजन के विफल प्रबंधन पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारत के विश्व के प्रमुख ऑक्सीजन निर्माताओं में शामिल होने के बावजूद भी सरकार अपने मजबूर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन नहीं इसलिए नहीं दे पा रही क्योंकि एक तरफ तो कोविड के एक साल में भारत सरकार ने 9300 मेट्रिक टन ऑक्सीजन के निर्यात की इजाजत दे दी और दूसरी तरफ इस एक साल में ऑक्सीजन की सुगम और समय पर हर अस्पताल में आपूर्ति के लिए समुचित व्यवस्थाएं नहीं की। उन्होंने सुझाव दिया है कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए आवश्यक हो तो हवाई मार्ग का उपयोग किया जाए।

रेमडीसीवीर की दरों को देरी से ही सही परन्तु अब कम करने पर संतोष जाहिर करते हुए पायलट ने प्रश्न किया है कि पिछले छः महीनों में 11 लाख रेमडीसीवीर इंजेक्शन का निर्यात करने की इजाजत देना आज देश के गंभीर मरीजों के लिए भारी पड़ रहा है। अस्पतालों में रेमडीसीवीर नहीं है और इसकी कालाबाजारी होने लगी है, इतना ही नहीं नकली रेमडीसीवीर के स्टॉक पकड़ में आ रहे हैं।

पायलट ने अपील की है कि भारत सरकार को पारदर्शी तरीके से सभी राज्य सरकारों के साथ बात करके जनता के कष्ट को दूर करने के कदम उठाने होंगे।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम