Jaipur News । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद के साथ सोनिया गांधी के विश्वस्त रहे मोतीलाल वोरा के निधन पर गहरी संवेदना प्रकट की है। गहलोत ने ट्वीट कर वोरा के कांग्रेस पार्टी को दिए योगदान को याद किया।
गहलोत ने लिखा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के निधन पर हार्दिक संवेदना। मोतीलाल वोरा जी हमारे सबसे वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री के रूप में, मप्र के मुख्यमंत्री के रूप में, यूपी के राज्यपाल, महासचिव और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के रूप में बिताया।
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वह ऐसे असाधारण व्यक्तित्व के अनुभवी नेता थे, जिनका जीवन कांग्रेस को समर्पित था। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के लिए समर्पित रूप से काम किया। उनका निधन पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर उनके परिवार और समर्थकों को शक्ति प्रदान करें। उनकी आत्मा को शांति मिले।
गौरतलब है कि मोतीलाल वोरा ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के संगठन में काम किया। वे गांधी परिवार के वफादार माने जाते थे। उन्होंने एक लंबी सियासी पारी खेली। वोरा का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वे बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। उनका जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं।
वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए पत्रकारिता की और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया। 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सडक़ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली। वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए। 13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। 13 फरवरी 1988 को वोरा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। अप्रैल 1988 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए। 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।