जयपुर, जोधपुर व कोटा के 6 निगमों में मेयर पद के लिए कांग्रेस-भाजपा के चेहरे तय

liyaquat Ali
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Jaipur News । प्रदेश के जयपुर, जोधपुर और कोटा नगर निगमों के लिए हुए चुनाव के बाद मेयर पद के लिए गुरुवार को नामांकन दाखिल करने के लिए अंतिम दिन गुरुवार को कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने चेहरे तय कर उनके नामांकन करवा दिए। राजधानी जयपुर के ग्रेटर निगम से कांग्रेस ने दिव्या सिंह और हैरिटेज से मुनेश गुर्जर को मैदान में उतारा है। जबकि, भाजपा ने ग्रेटर से सौम्या गुर्जर और हैरिटेज में पार्टी से बगावत करके चुनाव लड़ी कुसुम यादव को प्रत्याशी बनाया है। जोधपुर दक्षिण नगर निगम में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भाजपा की तरफ से वनिता सेठ को महापौर पद की प्रत्याशी बनाया गया हैं, वहीं उत्तर नगर निगम में भाजपा के पास बहुमत नहीं है, लेकिन पार्टी ने एहतियात के तौर पर डॉ. संगीता सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। दूसरी तरफ गुटबाजी में उलझी कांग्रेस ने देर से ही सही, लेकिन अपने प्रत्याशी तय कर दिए हैं। कांग्रेस ने दक्षिण नगर निगम से मेयर पद के लिए पूजा पारीक को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि उत्तर में कुंती देवड़ा पार्टी का चेहरा बनी है। कांग्रेस ने कोटा उत्तर में मंजू मेहरा को और दक्षिण नगर निगम के लिए राजीव अग्रवाल को महापौर प्रत्याशी बनाया है। भाजपा ने कोटा उत्तर से संतोष बैरवा और दक्षिण निगम में विवेक राजवंशी को मैदान में उतारा है।

जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज से भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने मेयर उम्मीदवार उतार दिए हैं। कांग्रेस ने ग्रेटर से दिव्या सिंह और हैरिटेज से मुनेश गुर्जर को उतारा है। वहीं भाजपा ने ग्रेटर से सौम्या गुर्जर और हैरिटेज से पार्टी से बगावत करके चुनाव लड़ी कुसुम यादव को प्रत्याशी बनाया है। सौम्या गुर्जर को संघ का करीबी माना जाता है। वहीं, कुसुम जयपुर हैरिटेज के इलाके में एक जाना पहचाना चेहरा है। सभी प्रत्याशियों ने अपने नामांकन भर दिए हैं। सौम्या गुर्जर नगर निगम ग्रेटर के वार्ड 87 से कांग्रेस प्रत्याशी पिंकी यादव को 1012 वोटों से हराकर पार्षद का चुनाव जीती है। भाजपा के पास ग्रेटर में 88 सीटें हैं, जो बहुमत से 12 अधिक है। ऐसे में सौम्या का जयपुर ग्रेटर में मेयर बनना लगभग तय है। सौम्या को पहले वसुंधरा राजे गुट का माना जाता था, लेकिन वे पिछले कुछ समय से लगातार संघ के संपर्क में है। हैरिटेज प्रत्याशी कुसुम यादव वार्ड 74 से कांग्रेस प्रत्याशी फोरन्ता यादव को 239 वोटों से हराकर चुनाव जीती हैं। भाजपा की तरफ से इस वार्ड में मुन्नी शर्मा को टिकट दिया गया था, जो तीसरे नंबर पर रही थी। इसके बाद कुसुम यादव ने भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हैरिटेज में भाजपा के पास 100 में से 42 सीटें है, जबकि 11 निर्दलीय हैं। इसमें एक कुसुम यादव हैं। ऐसे में यहां भाजपा को जीत हासिल करना आसान नहीं होगा, क्योंकि 11 निर्दलीयों में से 8 मुस्लिम पार्षद कांग्रेस के पाले में हैं।
जोधपुर में दक्षिण नगर निगम में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भाजपा की तरफ से वनिता सेठ महापौर पद की प्रत्याशी बनाई गई है। उत्तर नगर निगम उत्तर में भाजपा के पास बहुमत नहीं है, फिर भी पार्टी ने एहतियात के तौर पर डॉ. संगीता सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कांग्रेस ने दक्षिण नगर निगम से मेयर पद के लिए पूजा पारीक को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि उत्तर में कुंती देवड़ा को अपना दावेदार बनाया है। कांग्रेस में ये दोनों नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हस्तक्षेप के बाद तय हुए हैं। नगर निगम दक्षिण क्षेत्र में भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं, उत्तर में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत है। ऐसे में वनिता सेठ और कुंती देवड़ा का मेयर बनना लगभग तय माना जा रहा है। महापौर पद के चयन को लेकर भाजपा में अंदरूनी लड़ाई चरम पर रही। निगम चुनाव में वसुंधरा राजे के खेमे की उपेक्षा के बाद दक्षिण निगम में महापौर पद को लेकर राजे व शेखावत का खेमा पूरी तरह से सक्रिय हो गया था। शेखावत खेमा इंद्रा राजपुरोहित का समर्थन कर रहा था तो वसुंधरा खेमे के नेता वनिता सेठ के लिए लॉबिंग करने में जुटा था। अंतिम फैसला केंद्रीय जलशक्ति मंत्री शेखावत व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के साथ महामंत्री संगठन चंद्रशेखर, जिलाध्यक्ष देवेंद्र जोशी, राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत की पांच सदस्यीय कोर कमेटी को करना था। आखिरकार वनिता सेठ के नाम पर मोहर लग गई। वनिता सेठ भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता और महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। इससे पहले वनिता सेठ कोनकोर की डायरेक्टर भी रह चुकी हैं। कुंती देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मानसिंह देवड़ा की बेटी हैं। 1998 में जब गहलोत पहली बार सीएम बने थे तो उस समय वह विधायक नहीं थे। ऐसे में कुंती के पिता मानसिंह देवड़ा ने सरदारपुर विधानसभा सीट खाली की थी। कहा जाता है कि मानसिंह का वह अहसान अशोक गहलोत भूले नहीं। इसी वजह से कुंती को तवज्जो दी गई है।
कांग्रेस ने कोटा उत्तर में मंजू मेहरा को महापौर प्रत्याशी बनाया है, जबकि दक्षिण नगर निगम के लिए राजीव अग्रवाल के नाम पर मोहर लगाई है। इसके बाद दोनों ने नामांकन दाखिल किया। कोटा उत्तर नगर निगम में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत है। यहां 70 में से 47 सीट कांग्रेस को मिली है। जबकि, भाजपा के गढ़ कोटा दक्षिण में कांग्रेस ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 80 में से 36 सीटों पर जीत हासिल की है। यहां भाजपा को भी 36 सीट मिली है, जबकि 8 निर्दलीय जीते हैं। कांग्रेस ने कोटा दक्षिण नगर निगम से राजीव अग्रवाल को महापौर का प्रत्याशी बनाया है। राजीव पहली बार पार्षद बने है। जिनके यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से पारिवारिक रिश्ते हैं। लॉकडाउन के समय में जनता की सेवा करने के चलते पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारा। राजीव ने कोटा दक्षिण निगम के वार्ड 46 से चुनाव लड़ा और भाजपा के उम्मीदवार को मात दी। राजीव पेशे से उद्योगपति है। धारीवाल परिवार से नजदीकियों के कारण उन्हें महापौर प्रत्याशी बनाया गया है। उनके नाम पर सभी ने सहमति जताई है। कोटा उत्तर नगर निगम से मंजू मेहरा महापौर पद की प्रत्याशी बनी है। मंजू दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीती हैं। लम्बे समय से कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहते हुए पार्टी की सेवा में लगी थी। वर्तमान में वे महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष पद पर काबिज है। कोटा उत्तर नगर निगम में महापौर का पद एससी महिला के लिए आरक्षित है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के प्रति समर्पण व एससी महिला होने के कारण मंजू मेहरा को फायदा हुआ। भाजपा ने कोटा दक्षिण में विवेक राजवंशी को मैदान में उतारा है। साथ ही कोटा उत्तर से संतोष बैरवा को महापौर प्रत्याशी घोषित किया हैं। बुधवार को दोनों ने महापौर पद के लिए नामांकन दाखिल किया।
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