जेपी नड्डा लेंगे दोनों की क्लास,सतीश पूनियां और वसुंधरा राजे दिल्ली तलब, क्या है मामला?

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर। राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दिल्ली तलब किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दोनों नेताओं की क्लास लेंगे। इसके साथ ही राजस्थान में आगामी दिनों में होने वाले 4 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर भी मंथन करेंगे। उल्लेखनीय बात यह है कि पिछले दो बार से वसुंधरा राजे लगातार प्रदेश भाजपा नेतृत्व के द्वारा बुलाई गई बैठकों से किनारा कर चुकी हैं और इसकी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी मिल चुकी है।

ऐसे में नड्डा के द्वारा सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे दोनों को दिल्ली तलब किया गया है। इसी महीने की 21 तारीख को सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे दोनों दिल्ली में जेपी नड्डा से मिलेंगे। इसके साथ ही राज्य के प्रभार वाले अन्य नेता भी जिनमें संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को भी बुलाया गया है। इस मीटिंग के कई उद्देश्य हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यही है कि वसुंधरा राजे के द्वारा जिस तरह से पिछले दिनों कोर कमेटी की बैठक से किनारा किया गया। उसके बाद 9 फरवरी को विधानसभा में आयोजित हुई भाजपा के विधायक दल की बैठक से भी दूरी बनाई गई।

जिसके चलते राज्य में भाजपा इकाई के भीतर दो फाड़ होने के समाचार सार्वजनिक होने से पार्टी के नेताओं के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। वसुंधरा राजे के द्वारा कोर कमेटी की बैठक में और उसके बाद विधायक दल की बैठक में भी अपनी बहू के बीमार होने और उसकी देखरेख करने का बहाना बनाकर दूरी बनाई गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वसुंधरा राजे जब कोर कमेटी की बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह से मिलने दिल्ली जा सकती हैं, तो फिर कोर कमेटी की बैठक और विधायक दल की बैठक में शामिल होने में उनको क्या एतराज है? उल्लेखनीय है कि इस तरह की खबरें राजस्थान में करीब तभी से शुरू हो गई थीं, जब अक्टूबर 2019 को राजस्थान में सतीश पूनिया को भाजपा की कमान सौंपी गई थी।

उसके बाद धीरे-धीरे वसुंधरा खेमा पूरी तरह से संगठन से खुद को अलग मानने लगा था। सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे पिछले काफी समय से एक साथ बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, जबकि फरवरी-मार्च 2020 के दौरान जब राजस्थान सरकार का बजट सत्र चल रहा था, तब भी सदन के भीतर सरकार का विरोध करने को लेकर दोनों नेताओं के बीच तकरार हुई थी। यह भी उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे के ऊपर पिछले 17 साल के दौरान सतीश पूनिया को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के कई बार गंभीर आरोप लगे हैं। सतीश पूनिया का 2003 और 2008 में टिकट काटने का आरोप भी वसुंधरा राजे पर लगा है।

ऐसे में, जबकि अब सतीश पूनिया पार्टी के अध्यक्ष हैं और वसुंधरा राजे की राजस्थान से राजनीतिक तौर पर लगभग विदाई हो गई है। ऐसे में भाजपा के संगठन के भीतर दो खेमे में दिखाई देने लगे हैं। राजस्थान भाजपा इकाई के अध्यक्ष होने के नाते सतीश पूनिया जहां चूरू की सुजानगढ़, भीलवाड़ा की सहाड़ा, राजसमंद की राजसमंद विधानसभा सीट और उदयपुर के वल्लभनगर सीट के उपचुनाव को लेकर संगठनात्मक रूप से तैयारियों में जुटे हुए हैं, तो दूसरी तरफ वसुंधरा राजे का खेमा भी 8 मार्च को वसुंधरा राजे के जन्मदिन और उसके बाद उनकी यात्रा को लेकर तैयारियों में लगा हुआ है।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम