जयपुर
विधानसभा चुनावों में सत्ता गंवाने के बाद अब प्रदेश भाजपा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर सियासत तेज हो गई है। केन्द्रीय नेतृत्व ने नेता प्रतिपक्ष का चयन करने के लिए राजस्थान में केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली और प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना को पर्यवेक्षक बनाया है। ये दोनों नेता संभवत: अगले सप्ताह जयपुर आकर भाजपा विधायकों की बैठक ले सकते हैं। माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और राजेन्द्र राठौड में से किसी को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।
हालांकि भाजपा ने फिलहाल विधायक दल की बैठक की घोषणा नहीं की है लेकिन विधानसभा सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन कर लिया जाएगा। सूत्रों का मानना है कि केन्द्रीय नेतृत्व जिस भी नाम को तय करेगा उसे ही नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा लेकिन उससे पहले औपचारिक रूप से विधायकों से चर्चा की जाएगी। बता दें कि चुनाव में मिली हार के बाद समीक्षा बैठकों के बीच नेता प्रतिपक्ष के नामों पर चर्चाओं का दौर बना हुआ है।
नेता प्रतिपक्ष के रूप में सबसे प्रमुख नाम पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का ही माना जा रहा है। एक चर्चा यह भी है कि आलाकमान राजे को लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी बना सकता है। ऐसे में उन्हें नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया जाएगा उनके स्थान पर दूसरा नाम गुलाबचंद कटारिया का है, वे पहले भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके है, लेकिन इस बार संघ से उनके नाम पर हरी झण्डी नहीं मिल पा रही है। पार्टी तीसरे नाम के तौर पर राजेन्द्र राठौड को देख रही है और अधिकांश विधायक भी इसके लिए सहमत हो सकते हैं। राठौड को नेता प्रतिपक्ष बनाकर राजपूत समाज को साधने का प्रयास भी किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर राठौड को बधाईयां
इधर, प्रदेश में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के साथ ही सोशल मीडिया पर फेक संदेश वायरल हो गया कि नेता प्रतिपक्ष राठौड को बनाया जा रहा है। इसके बाद सोश्यल मीडिया पर राठौड को बधाई देने वालों का तांता लग गया। वायरल हो रहे इस संदेश के बाद पूर्व मंत्री राठौड़ ने फेसबुक पर पोस्ट कर इस बारे में अपनी सफाई दी और वायरल संदेश को तथ्यहीन बताया। उन्होंने सभी समर्थकों को धेर्य रखने की भी सलाह दी।