Jaipur News / Dainik reporter : पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे (Former Chief Minister Vasundhara Raje ) ने कहा है कि मेरे आलोचकों ने लोगों में यह धारणा बना दी कि मैं रात को 10 बजे बाद नहीं मिलती।
पुरुष और महिला मुख्यमंत्री (Male and female chief minister) या महिला नेता (Female leader) में यही तो अंतर है। पुरुष नेता रात को लुंगी या तेहमत में भी किसी से मिल सकता है लेकिन महिला नहीं। महिलाओं को मर्यादा में रहना पड़ता है।
राजे मंगलवार को यहां बिड़ला सभागार (Birla Auditorium) में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राजस्थान (All India Kshatriya Mahasabha Rajasthan) की ओर से आयोजित क्षत्राणियों के शपथ ग्रहण और प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोल रही थी।
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे आलोचक यह नहीं कहते कि हम 18-18 घंटे काम करते है। इसलिए क्षत्राणियों, इन सब चीजों की परवाह मत करो। सेवा करनी है तो ये सब चीजें सामने आएगी। क्योंकि सेवा है तो संघर्ष है।
राजे ने कहा कि सेवा और संघर्ष एक-दूसरे के पहलू है। पिछली सरकार के समय जब मैंने विधानसभा में पंचायत राज संस्था के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित किए तो सभी ने मेजे थपथपाई।
जब मैं चेम्बर में आई तो कई पुरुष विधायकों ने कहा, इन्हें हमारे सिर पर क्यों बिठा रहे हो। इसी प्रकार जब मैंने महिलाओं के नाम संपत्ति का रजिस्टे्रशन कराने पर रजिस्ट्रेशन फीस कम की,तब भी हाउस में तो सबने स्वागत किया और जब अलग से मिले तो कई पुरुष विधायकों ने ऐतराज किया।
भामाशाह योजना के माध्यम से महिला को घर का मुखिया बनाने का निर्णय लिया तो पर्दे के पीछे ऐसी ही आपत्तियां आई। कहने लगे अब तो सारा पैसा ही महिलाओं के खाते में चला जाएगा।
इन सब आपत्तियों के बावजूद मैंने संघर्ष कर महिलाओं के लिए ये सब किया। मेरा कहने का आशय यह है कि महिलाओं को सेवा के लिए ऐसे संघर्ष करने ही पड़ते है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षत्रिय कोई जाति नहीं, ये तो एक मानवीय धर्म है, और इस धर्म का अर्थ है कमजोर की लाठी बनना।
असहाय की सहायता करना। क्षत्राणियों से अपेक्षा भी ये ही है कि आप घंूघट हटाकर समाज की मुख्यधारा में आए और लोगों की मददगार बने। बाल विवाह, भू्रण हत्या, पर्दा प्रथा जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करें। बालिका शिक्षा को बढ़ावा दें। अपनी संस्कृति और परम्पराओं को जिंदा रखते हुए समाज सुधार के व्यापक कदम उठाएं।
राजे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देकर इस वर्ग के उत्थान का काम किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट के हम सब आभारी है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की पहल उनकी सरकार ने की थी। वे जब मुख्यमंत्री थी तब विधानसभा में आर्थिक आधार पर आरक्षण का संकल्प पारित किया गया था। उस संकल्प को मोदी ने साकार कर दिया है।
इस अवसर पर राजे ने याद दिलाया कि जब वे मुख्यमंत्री थी तब पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा वाटिल राज्यपाल थी और सुमित्रा सिंह विधानसभा अध्यक्ष। तीन महिलाओं का किसी भी प्रदेश में सर्वाेच्च पदों पर आसीन होने का राजस्थान में ये पहला उदाहरण था।
पूर्व राष्ट्रपति पाटिल ने राजे की सराहना की और कहा कि उन्होंने राजस्थान में शहीदों की वीरांगनाओं के लिए अच्छे काम किए हैं।