Jaipur News / Dainik reporter : राज्य में एक बार फिर से आरक्षण (reservation) को लेकर घमासान मच सकता है। इस बार गुर्जर अपने विशेष पिछड़ा वर्ग में मिले आरक्षण के बंटवारे के विरोध में आंदोलन (protest) कर सकते हैं। चूंकि प्रदेश में विशेष पिछड़ा वर्ग (गुर्जर कोटे) से मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए प्रदेश में सर्वे शुरू हो गया हैं। जिसके बाद में एक बार फिर से गुर्जर समुदाय सरकार से उखड़ गया है।
वर्तमान में गुर्जरों को विशेष पिछड़ा वर्ग कोटे से आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है,लेकिन अब इसी कोटे से ही अजमेर के मुस्लिमों को आरक्षण मिलेगा। इससे पहले अब तक इन मुस्लिमों को पिछड़ा वर्ग कोटे से आरक्षण का लाभ मिल रहा है लेकिन मुस्लिमों की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देश पर सभी जिलों में कलेक्टर सर्वे कर रहे हैं।
इसके बाद में मुस्लिमों को विशेष पिछड़ा वर्ग कोटे में शामिल किया जाएगा,लेकिन सर्वे की सूचना के बाद में गुर्जर समुदाय में घमासान मच गया हैं। आरक्षण की लड़ाई लड़ रहे गुर्जरों ने साफ कर दिया है कि एमबीसी आरक्षण कोटे से दूसरी जातियों को आरक्षण मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता हैं। ऐसे में राजस्थान में एक बार फिर से आरक्षण की आग तेज हो गई हैं।
अब देखना यह होगा कि मुस्लिम जातियों के लिए सरकार ओबीसी का वर्गीकरण करती है या फिर एमबीसी कोटे से ही आरक्षण मिलेगा। अजमेर के निवासरत मुस्लिमों के साथ मांगणियार, ढाढ़ी, लंगा, दमामी, मीर,नगारची, राणा, बायती, बारोटा को भी एमबीसी में शामिल किया जाएगा।
फि लहाल ये सभी जातियां ओबीसी में हैं लेकिन अब इन जातियों को विशेष पिछड़ा में शामिल करने की तैयारी चल रही हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक किरोड़ी सिंह बैंसला और शैलेंद्र सिंह ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया हैं। उनका कहना है कि गुर्जर समाज ने संघर्ष कर आरक्षण लिया है जिसमें 73 लोगों की जान चली गई।
ऐसे में अब किसी भी सूरत में दूसरी जातियों को हमारे कोटे से आरक्षण नहीं लेने देंगे। यदि सरकार चाहती है इन जातियों को आरक्षण देना तो ओबीसी का वर्गीकरण कर इन जातियों को आरक्षण दिया जा सकता है।