मोदी ने आम बजट में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी
जयपुर। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम बजट में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी, इसी की क्रियान्विती में बुधवार को केबिनेट ने सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने को मंजूरी दी है। देश के किसानों का दर्द समझते हुए खरीफ फसलों की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ गुना कर दिया है। सैनी बुधवार को भाजपा मुयालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने का कि केन्द्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को मानते हुए यह कदम उठाया है।
सैनी ने बताया कि पहले समर्थन मूल्य केवल ए-2 के आधार पर तय किया जाता था। इस ए-2 में चौदह प्रकार के कृषि सबन्धी खर्चे शामिल थे। अब समर्थन मूल्य का निर्धारण ए 2 के साथ एफ-एल को शामिल करके किया जाएगा, एफ-एल में पारिवारिक सदस्यों का लेबर खर्च शामिल है यानि किसान की अपनी मेहनत को भी समर्थन मूल्य में शामिल किया गया है।
कांग्रेस पर लगाए आरोप
कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि किसानों के लिए कांग्रेस की सरकारों ने कुछ भी नहीं किया। किसी भी राजनीतिक दल को किसानों मौत पर राजनीती करना शर्म वाली बात है। यूपीए सरकार ने 2008-09 में समर्थन मूल्य में विभिन्न जिंसों में अधिकतम 135 रुपए प्रति क्विंटल की ही वृद्धि की थी। अब केन्द्र के घोषणा के बाद मूंग पर ही लगभग 1400 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हो जाएगी। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को तत्कालीन यूपीए सरकार ने नकार दिया था किन्तु एनडीए सरकार ने किसानों को इसका लाभ दिया है।
33 हजार करोड का पडेगा भार
खरीफ फसलों की समर्थन खरीद मूल्य लागत से डेढ गुना करने पर केन्द्र सरकार पर हर वर्ष करीब 33 हजार 500 करोड का अतिरिक्त भार पडेगा और सरकार वहन करेगी। उन्होंने लहसुन खरीद के सवाल पर कहा कि राज्य में पहली बार सरकार ने 90 हजार मिट्रिक टन लहसुन की खरीद की है। इसके चलते हाडौती में लहसुन 32 रुपए किलो की दर से खरीदकर खुली मंडियों में 11 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेचा गया है। इसका घाटा भी राज्य सरकार ने ही वहन किया है।