Jaipur News । दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अगवाल(आईपीएस) को रिश्वत मामले में गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों (एसीबी) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह शेखावत की अगुवाई में बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां एसीबी ने कोर्ट से आईपीएस मनीष अग्रवाल से हाइवे बना रही कंपनी को धमकाकर 38 लाख रुपये की रिश्वत मामले में पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड मांगा । जिस पर कोर्ट द्वारा पांच फरवरी तक आईपीएस मनीष अग्रवाल को पूछताछ के लिए पुलिस रिंमाड सौपा है। एसीबी की टीम दौसा घूसकांड मामले में पूछताछ में जुटी है।
पुलिस महानिदेशक एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि हाइवे बना रही कंपनी को धमकाकर 38 लाख रुपये की रिश्वत मामले में दौसा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मनीष अगवाल(आईपीएस) को मंगलवार गिरफ्तार किया गया था। जो पिछले 20 दिनों से एसीबी के रडार पर थे। 13 जनवरी को मनीष अग्रवाल के दलाल नीरज मीणा और दो एसडीएम (बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा व बांदीकुई एसडीएम पुष्कर मित्तल) को जयपुर-आगरा हाइवे बनाने वाली दो कंपनी से घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
आईपीएस मनीष अग्रवाल हाइवे निर्माण करने वाली एक कंपनी से दो बार में 31 लाख रुपये की रिश्वत ले चुके थे और दूसरी कंपनी से 38 लाख रुपये की घूस मांग रहे थे। जिसके बाद डायमंड कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रतिनिधि बलजीत सिंह ने शिकायत की थी कि आईपीएस मनीष अग्रवाल उनसे दो बार में 31 लाख रुपये रिश्वत ली है। इसके बाद जांच की गई तो मनीष पर संदेह और गहरा गया। इससे पहले 13 जनवरी को दलाल नीरज मीणा की गिरफ्तारी के बाद मनीष के मोबाइल जब्त कर लिए गए थे। इन्हें जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है, जिसका रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। इधर गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीमों द्वारा आईपीएस मनीष अग्रवाल के घर और अन्य जगहों पर सर्च अभियाल चला रखा है।