राजस्थान में मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने वाले की सूचना दे और पाएं 51 हजार का इनाम, अभियान नये साल से

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ प्रदेश की जनता को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले और खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर नए साल से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाएगा यह अभियान हमेशा की तरह ही होगा लेकिन इस बार सरकार ने इस अभियान में आम जनता का सहयोग और में जोड़ने के लिए विशेष पहल करते हुए मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वालों की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए उसे ₹51000 इनाम देने की घोषणा की है।

सरकार ने खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए 1 जनवरी से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलेगा । इस बार ठोस और मजबूत कार्रवाई के लिए 6 विभागों को साथ जोड़ा गया। जिस प्रकार सोनोग्राफी सेंटरों पर लिंग परीक्षण रोकने के लिए डिकॉय ऑपरेशन होते हैं कुछ उसी तर्ज पर मिलावटियों के यहां डिकॉय ऑपरेशन होंगे। इसमें मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सही सूचना देने वालों को 51 हजार का ईनाम दिया जाएगा । उनका नाम भी गोपनीय रखा जाएगा । इस अभियान की मॉनिटरिंग जिले में जिला कलेक्टर करेंगे । जिला स्तर पर उनकी अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है और उपखंड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।

 

यह विभाग भी होंगे शामिल

पहली बार अभियान में डिकोय ऑपरेशन (Decoy Operation) को अंजाम देंगे विशेष जांच दल में एसडीओ, तहसीलदार बीडीओ, डिप्टी एसपी, पुलिस निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, विधिक माप विज्ञान अधिकारी और डेयरी प्रतिनिधि शामिल होंगे है। रोजाना रिपोर्ट कलेक्टर को भेजनी पड़ेगी. ऑनलाइन सिस्टम रहेगा. जयपुर जिले में 4 टीमें बनाई गई है।

अभियान की अवधि में मिलावटी खाद्य वस्तुएं बनाने वालों की सूचना देने वालों को सूचना सही पाए जाने पर 51000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इस राशि का वितरण कलेक्टर के द्वारा फूड टेस्टिंग लैब की सूचना के बाद निष्कर्ष प्रमाणित करते हुए दिया जाएगा। यह भी बताया कि मिलावट करने वालो की सूचना कंट्रोल रूम नंबर पर सूचित करें सकते हैं, जिसमें सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा. जिला स्तरीय प्रबंधन समिति द्वारा जिले के खाद्य पदार्थ उत्पाक, बड़े थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेता चिन्हित किए जाएंगे, जहां मिलावट की संभावना अधिक रहती है।

समिति द्वारा अभियान की समीक्षा की जाएगी । दूध, मावा, पनीर, आटा, बेसन, तेल, घी, सूखे मेवे, मसालों के नमूने लेकर लैब में जांच होगी । खाद्य पदार्थ के सैंपल लेकर जांच के लिए भिजवाने के बाद रिपोर्ट आती है। इस अभियान में 90 दिन में लंबित मामलों का फैसला होगा । सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद फूड सेफ्टी एक्ट में सब स्टेंडर्ड, मिसब्रांड और अनसेफ के मामलों की जांच के बाद चालान अतिरिक्त जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत होता है। लंबित प्रकरणों का 90 दिन में निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं।बहरहाल, खाने पीने, मिठाइयों, पेय पदार्थों सहित खाद्य सामग्री शुद्ध और पूरी मिले, इसके लिए सरकार और विभाग प्रयासरत है। साथ ही अभियान के दौरान इनमें मिलावट करने वालों पर भी प्रशासन की पूरी नजर रहेगी।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम