जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवनमें आयोजित नीति आयोग की की सातवीं बैठक में केन्द्र सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने सहित विभिन्न केन्द्र प्रवर्तितयोजनाओं में केन्द्र की आर्थिक सहायता बढ़ाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान से जुड़े मुद्दों पर मजबूती से राज्य का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी 37,000 करोड़ रूपये की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिससे पूर्वी राजस्थान के 13 जिलो में लगभग 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान तिलहन उत्पादन का मुख्य क्षेत्र है इसके साथ ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित होने से इन जिलों में पेयजल की समस्या का भी समाधान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के संबंध में पूर्व में सकारात्मक रूख अपनाने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जल जीवन मिशन के सफल क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी।
केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्रीय हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग
गहलोत ने कहा कि विभिन्न केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के आर्थिक सहभागिता पैटर्न में किए गये बदलावों से राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र से जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि 5 वर्ष बढ़ाकर जून, 2027 करने और राजस्थान को 2017-18 से जीएसटी की बकाया मुआवजा राशि लगभग 3.780 करोड़ रूपये एकमुश्त जारी करने की मांग की है।
स्वास्थ्य योजनाओं में केन्द्रीय हिस्सेदारी बढ़ायी जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान आम लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधाए उपलब्ध करवाने के क्षेत्र में मॉडल राज्य बन चुका है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के अन्तर्गत सभी सरकारी अस्पतालों में पूरा इलाज निःशुल्क मिल रहा है।
और सभी जांचे भी पूर्णतः निःशुल्क की जा रही हैं। इस दिशा में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना अगला कदम हैं। जिसके तहत राज्य के 88 प्रतिशत परिवारों को बीमा कवर दिया गया है। इस क्षेत्र में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है चिरजीवी योजना के तहत 1 करोड़ 34 लाख परिवारों को सरकारी और निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार मिल रहा है।
अब तक 18 लाख मरीजों के उपचार पर 2,202 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत लीवर हार्ट और किडनी ट्रान्सप्लान्ट तक की सुविधा मिल रही है। मुख्यमंत्री ने इस योजना की तर्ज पर केन्द्र सरकार से आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे को बढ़ाने की भी मांग की है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सहायता में बढ़ोतरी की जाए मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रधानमंत्री का ध्यान किसानों की आय दुगुनी करने के उनके लक्ष्य की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि नेशनल सैम्पल सर्वे आर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ)
द्वारा वर्ष 2018-19 में किसान परिवारों की मासिक आय लगभग 10.218 रूपये आंकी गई थी। अब महगाई की दर को ध्यान में रखते हुए यह आय लगभग 21,600 रूपये प्रतिमाह होनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये सरकार को अत्यन्त ठोस कदम उठाने होंगे। मुख्यमंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने के लिये महात्मा गांधी नरेगा योजना, ग्रामीण विकास और कृषि के बजट में पर्याप्त बढ़ोतरी करने तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषक परिवारों को दी जाने वाली राशि बढ़कार 2000 रूपये प्रतिमाह करने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार प्रत्येक कृषक परिवार को विद्युत सब्सिडी के रूप में 1,000 रूपए प्रतिमाह का लाभ दे रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2022-23 से अलग कृषि बजट लागू किया है और किसानों की सुविधा के लिये समग्र कृषि पोर्टल विकसित किया है।
उन्होंने कहा कि कृषि संबंधित सभी योजनाओं पर केन्द्र सरकार को अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 75 प्रतिशत करनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा बाजार हस्तक्षेप योजना में संशोधन में मांग करते हुए सहनीय हानि सीमा 25 प्रतिशत से अधिक होने पर उसका भार राज्य सरकार पर डालने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग की है।
साभार सूजस