जयपुर। राज्य विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को जारी की गई प्रत्याशियों की पहली सूची में भाजपा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पंसद को बेलेंस करने की कोशिश की है। पहली सूची में राजे के करीबी विधायकों को टिकट दिया गया है। साथ ही आरएसएस से जुडे नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतारा गया है।
आरएसएस पृष्ठभूमि के नेता और पूर्व मंत्री मदन दिलावर को दस साल बाद विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया है। दिलावर हाडौती रीजन में पार्टी का दलित चेहरा है और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी गुट से माने जाते हैं। वर्ष 2003 से 2008 के दौरान पिछली वसुंधरा सरकार में दिलावर केबिनेट मंत्री थे। भाजपा ने 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में दिलावर को टिकट देने से इनकार कर दिया। उसकी जगह चंद्रकांता मेघवाल को रामगंज मंडी से टिकट दिया गया। मेघवाल लगातार दस साल से विधायक थी।
इस बार मेघवाल की जगह एक बार फिर दिलावर को मौका दिया गया है। दिलावर पिछले पांच साल से संगठन से साइड लाइन थे। उन्हें एक माह पहले प्रदेश प्रवक्ता बनाया गया था। इसी प्रकार आरएसएस कोर संजय शर्मा को अलवर शहर से टिकट दिया गया है। शर्मा पिछले विधानसभा चुनाव में भी टिकट के दावेदार थे। लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। अलवर सांसद महंत चांदनाथ की मौत के बाद उप चुनाव के लिए अलवर भाजपा के पदाधिकारियों ने संजय शर्मा का नाम आगे किया। लेकिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पंसद पर केबिनेट मंत्री जसवंत यादव को मैदान में उतारा गया। उप चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पडा।
मदन लाल सैनी के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद संजय शर्मा को प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया। कुछ दिन बाद शर्मा को प्रदेश मंत्री का दायित्व दिया गया। पिछले माह शर्मा को अलवर का जिलाध्यक्ष बनाया गया। शर्मा पूर्व भी अलवर जिलाध्यक्ष रह चुके है। अब वर्तमान विधायक बनवारीलाल सिंघल की जगह शर्मा को अलवर शहर से प्रत्याशी बनाया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हबीबुररहमान और यूनूस खान के रूप में दो मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारा था। इस बार पहली सूची में हबीबुररहमान को टिकट नहीं दिया गया। उनकी जगह मोहन राम चौधरी को टिकट दिया गया। चौधरी आरएसएस की पंसद है। चौधरी काफी समय से आरएसएस से जुडे रहे हैं। इसी प्रकार आरएसएस की स्टूडेंट विंग एबीवीपी के पूर्व संगठन मंत्री एवं पूर्व प्रचारक ऋषि बंसल की पत्नी रितू बनावत को बयाना से टिकट दिया गया है।
पिछले साल रितु ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बागी चुनाव लडा था। लेकिन वह चुनाव हार गई थी। आरएसएस पृष्ठभूमि के नेता एवं मंत्री वासुदेव देवनानी, अरूण चतुर्वेदी और गुलाब चंद कटारिया को भी फिर से मौका दिया गया है। आरएसएस स्वयंसेवक एवं प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया को आमेर से फिर टिकट दिया गया। पूनिया पिछले विधानसभा चुनाव में आमेर से चुनाव लडा था। वह चुनाव हार गए थे।