जयपुर।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आपको देश का चौकीदार बताते है, लेकिन हकीकत यह है कि पांच साल तक चौकीदार ने उद्योगपतियों की चौकीदारी की है। इनकी देखरेख में अम्बानी, अडानी, नीरव मोदी, माल्या जैसे रसूखदार जनता की गाढ़ी कमाई लूटते रहे। लेकिन चौकीदार ने इनकी ओर आंख उठाकर भी नहीं देखा। मोदी ने देश के किसानों का कर्ज माफ नहीं किया लेकिन बड़े-बड़े उद्योगपतियों के कर्जो की ओर नजर उठाकर भी नहीं देखा।
राहुल गुरुवार को यहां कायड़ विश्राम स्थली में सेवादल के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम मिटाने की राजनीति नहीं करते है, हमारा उद्देश्य तो यह है कि प्यार से लोगों को बदला जाए। भाजपा ने नफरत फैलाने की राजनीति की है उससे समाज में दूरियां बढ़ी है,लेकिन हम उन्हें मिटाने की बात नहीं करते है और न ही हम उन्हें मारने या खत्म करने का मकसद रखते है। हम चाहते है कि वर्ष,2019 में उन्हें हराए और अच्छे विपक्ष की भूमिका में देखे।
उन्होंने कहा मोदी लम्बे समय से कांग्रेस और उनके परिवार पर प्रतिकूल टिप्पणियां करते आ रहे थे,लेकिन जब संसद में मैंने अपना पक्ष रखा और उसके बाद उनसे गले लगा तो उनके अंदर मेरे तथा पार्टी के प्रति जो नफरत थी उसे प्यार में बदल दिया। प्रधानमंत्री देश के हर नागरिक का अपमान कर रहे हैं। देश उनके लिए प्रोडक्ट है। हम किसानों का कर्ज माफी का काम करते है और वो नीरव मोदी, विजय माल्या का कर्जा माफ करते है। राहुुल ने कहा कि देश का चौकीदार चोर है।
राहुल ने आरोप लगाया कि देश में आरएसएस नफरत का बीज बो रही है। हम आरएसएस के मुकाबले में सेवादल को मजबूत बना रहे हैं। सेवादल के सफेद सिपाही देश के हर कोने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए आरएसएस और भाजपा की नफरत बांटने वाले पैगामों को प्यार से रोकेंगे। उन्होंने आरएसएस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे रोज सुबह लाठी लेकर निकलते है, हमारा सेवादल का सिपाही अमन की बात लेकर निकलेगा और लोगों में अपनी अलग पहचान बनाएगा।
उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो माहौल दोनों बना रहे हैं उसका असली कारण डर है। उसी डर को छुपाने के लिए नफरत करते है। इस देश में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आजादी के लिए जब देश में क्रांति चल रही थी तब महात्मा गांधी, भीमराव अम्बेडकर सहित आजादी के मतवालों ने इस डर को अपने दिल से निकाल दिया और अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया, लेकिन सावरकर ने अपने डर को दिल में कायम रखा और 9 बार अंग्रेजों के समक्ष माफी प्रकट की। यहीं डर लगातार चला आ रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार की नीतियों से देश का संविधान खतरे में पड़ गया है। इसे बचाने के लिए सेवादल को अपनी पुरानी भूमिका में आना होगा। गहलोत ने कहा कि वे सेवादल के ट्रेनिंग कैम्पों में शामिल होते रहे हैं। अब पार्टी के सभी लोगों को इसमें अपनी शिरकत करनी चाहिए।