बिना संगठन कैसे सफल हो पाएगी कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी रैली?

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। प्रदेश में करीब 2 साल से ब्लॉक, जिला और विभिन्न विभाग प्रकोष्ठों के सक्रिय नहीं होने का असर इन दिनों कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी रैली को लेकर चल रही तैयारियों पर भी पड़ रहा है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से भले ही 50 हजार की बजाए एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का दावा किया जा रहा हो लेकिन संगठन के सक्रिय नहीं होने और संगठनात्मक नियुक्ति नहीं होने का खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है।

रैली की तैयारियों को लेकर हाल ही में जिला और विधानसभा स्तर पर हुई बैठकों में भी संगठन के सक्रिय नहीं होने का असर देखा गया था, जब बैठकों से ही अधिकांश निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्ष और विभिन्न विभाग-प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और कार्यकारिणी के पदाधिकारी नदारद रहे थे। ऐसे में पार्टी थिंक टैंक के सामने भी इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि आखिर 4 सितंबर को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रव्यापी रैली में भीड़ जुटाने का टारगेट कैसे पूरा होगा।

दरअसल दिल्ली में 4 सितंबर को होने वाली राष्ट्रव्यापी रैली को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं नेताओं में भी दिलचस्पी नहीं देखी जा रही है। इसकी वजह यह है कि ब्लॉक और जिला लेवल पर अभी तक भी राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं, साथ ही प्रदेश स्तर पर भी अधिकांश नियुक्तियों में विधायकों को एडजस्ट कर दिया गया है, जिसके चलते कार्यकर्ताओं और नेताओं में नाराजगी बढ़ी है। वहीं कार्यकर्ताओं-नेताओं को उम्मीद थी कि राजनीतिक नियुक्तियां में नंबर नहीं आने के बाद उन्हें संगठन में एडजस्ट किया जाएगा लेकिन पार्टी की ओर से अभी तक न तो ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की गई है और न ही जिलाध्यक्षों, पीसीसी मेंबर्स और विभिन्न विभाग-प्रकोष्ठ गठित किए गए हैं। ऐसे में कार्यकर्ता और नेता रैली को लेकर उत्साहित नजर नहीं आते।

वहीं दूसरी ओर संगठन के सक्रिय नहीं होने से रैली पर पड़ने वाले असर के सवाल पर मंगलवार को मंत्री टीकाराम जूली और उदयलाल आंजना ने कहा कि दिल्ली में होने वाली राष्ट्रव्यापी रैली पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। पहले भी किसान आंदोलन, ईडी और महंगाई के खिलाफ पार्टी की ओर से जो प्रदर्शन किए गए थे वो भी निवर्तमान ब्लॉक अध्यक्षों, जिलाध्यक्षों के जरिए ही की गए थे और जो टारगेट पार्टी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से दिया गया है उससे कहीं अधिक कार्यकर्ता और नेता दिल्ली पहुंचेंगे।

हालांकि दोनों मंत्रियों ने ये भी कहा कि जल्द से जल्द संगठनात्मक नियुक्तियां होनी चाहिए। ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्षों और पार्टी के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां जल्द से जल्द की जाएं।4 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय रैली को लेकर राजस्थान के प्रत्येक जिले से 5 हजार की भीड़ का लक्ष्य रखा गया है और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 500 कार्यकर्ताओं के जाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन जिस लिहाज से संगठन के तमाम पद भंग पड़े हैं उससे भीड़ जुटाने के कांग्रेस के दावे पर असर पड़ सकता है।

गौरतलब है कि जुलाई 2020 में सचिन पायलट कैंप की पार्टी से बगावत के बाद पार्टी आलाकमान ने कांग्रेस की तमाम इकाइयों को भंग कर दिया था। प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा ने हालांकि प्रदेश कार्यकारिणी और 13 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करवा ली थी लेकिन उसके बावजूद भी अभी भी 400 ब्लॉक अध्यक्ष 25 से ज्यादा जिलाध्यक्षों और विभिन्न विभाग प्रकोष्ठों में अभी तक भी नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/