Jaipur। कोरोना महामारी (Corona epidemic) के संक्रमण के बीच प्रदेशवासियों ने सोमवार को होली का त्योहार (Holi festival ) धूमधाम से मनाया। महामारी का फैलाव रोकने के लिए लगाई गई धारा 144 और अन्य बंदिशों के बावजूद प्रदेशवासियों ने अपने-अपने घरों के बाहर रंग और गुलाल (Gulal) से होली खेली। इस बीच ढोल (drum) और डीजे (DJ) की धुन पर लोग नाचते रहे और एक-दूसरे को रंगों के त्योहार की बधाई भी देते रहे।
सुबह आठ बजे से पहले ही बच्चों ने होली के रंगों का श्रीगणेश किया। कॉलोनियों में सुबह सवेरे से ही बच्चों की टोलियां निकल गई थी। कुछ पूरी मस्ती के साथ एक दूसरे पर रंग डाल रहे थे तो कुछ छिपकर खुद को बचाने में जुटे रहे। रंगों की फुहारों से बच कोई नहीं पाया। समूह में होली मनाने पर भले ही रोक हो, लेकिन परिवार के लोग पड़ोसियों के साथ मिलकर होली में मशगूल रहे।
जयपुर में लोग सडक़ों पर उतर रंग-गुलाल लगाते दिखे। ढोल-नगाड़ों के साथ डांस और मस्ती का आलम रहा। बच्चे भी पिचकारी के साथ पानी की होली खेलते दिखे। राजधानी के अलावा होली की यह परंपरा हर जिले में देखने को मिली।
बीकानेर में परंपरागत रूप से ढफ और चंग के साथ बांसुरी वादन करके भी होली का आनंद उठाया गया। मुरलीधर व्यास कॉलोनी, जयनारायण व्यास कॉलोनी, मुक्ता प्रसाद कॉलोनी, जवाहर नगर, अंत्योदय नगर, कांता खतुरिया कॉलोनी सहित अनेक क्षेत्रों में दस-ग्यारह बजे बाद महिलाएं भी मैदान में उतर गई। एक-एक घर जाकर महिलाओं ने सखियों के रंग लगाया। टोली में निकली महिलाओं ने नए पड़ोसियों को भी रंगों के दम पर अपना बना लिया।
अजमेर में बच्चों ने झरने सी होली खेली तो दूसरी ओर कपड़ा फाड़ होली का हुड़दंग भी दिखाई दिया। शहर के एक हिस्से में युवकों ने होली खेलने के बाद एक-दूसरे की शर्ट फाडक़र जश्न मनाया। कोटा में युवकों की टोलियों ने सडक़ों पर पानी भर-भर कर डिब्बों से एक-दूसरे पर उछाला। अलवर के कई मोहल्लों की सडक़ें तक रंगों से लाल हो गई। अजमेर जिले के पुष्कर में होली के पर्व में न कोई धूम धड़ाका हुआ और न ही कोई धमाल। ऐसे में बाहर से बड़ी संख्या में पहुंचे युवाओं को मायूसी ही हाथ लगी।
यहां पर इस साल कपड़ा फाड़ या सतरंगी होली का आयोजन नहीं हुआ। सादगी से होली का त्योहार मनाया गया। कोरोना गाइडलाइन व धारा-144 के चलते सभी सामूहिक आयोजन पर पाबंदी रही। जगह-जगह पुलिस तैनात रही। बाहर से पहुंचे युवाओं की भीड़ को पुलिस ने खदेड़ा। वराह घाट पर हर साल धमाल होता था, वहां सन्नाटा पसरा रहा। पुष्कर की होली में विदेशी भी शामिल हुए।
पिछले साल होली का त्योहार कोरोना संक्रमण फैलने से पहले ही मनाया जा चुका था और लोगों ने जमकर धमाल किया। गत वर्ष होली के बाद आए त्योहारों पर कोरोना गाइडलाइन की बंदिशें रही। ऐसी ही बंदिश अब इस साल होली पर रही।
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