जयपुर।
राज्य सरकार की ओर से गुर्जरों को 5 प्रतिशत आरक्षण देने का बिल विधानसभा में पारित करने के बाद भी गुर्जर समाज के लोग रेलवे टै्रक और हाईवे से नहीं हट रहे हैं। गुर्जरों का आंदोलन गुरुवार को सातवें दिन भी जारी है। इधर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि बिल का अध्ययन कर समाज से राय ली जाएगी। वैसे यह बिल कोर्ट में अटक सकता हैं। सरकार जब तक समाज को आश्वस्त नहीं करेगी कि बिल कोर्ट में नहीं अटकेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरकार बिल की कमियों को दूर कर प्रतिनिधि को ट्रैक पर भेजें।
सरकार की ओर से पारित किए गए विधयेक की प्रतिलिपि लेकर आईएएस अधिकारी नीरज के पवन रेलवे ट्रैक पहुंचे। जहां उन्होंने कर्नल बैंसला को विधेयक की प्रतिलिपि सौंपी और गुर्जर समाज से आंदोलन समाप्त करने की अपील की। जिस पर बैंसला ने कहा कि सरकार की ओर से पारित विधेयक पर गुर्जर समाज की राय ली जाएगी। उसके बाद ही आंदोलन को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।
इधर मुम्बई-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर मलारना स्टेशन,जयपुर-सवाईमाधोपुर ट्रैक पर चौथ का बरवाड़ा में गुर्जरों ने रेलवे लाइन पर कब्जा कर रखा है। साथ ही भरतपुर हाईवे पर सिकंदरा,टोंक हाईवे पर बनास पुलिया,झुंझुनूं के खेतड़ी,नैनवां,गाजीपुर मोड़ में रास्ता रोक रखा है।
गुर्जर आंदोलनकारी सिकंदरा चौराहे पर जमे हुए हैं और गायकी के जरिए मनोरंजन करते हुए नजर आए। इस दौरान चंग और ढोल की थाप पर गुर्जरों ने लोकगीत गाए और जमकर मनोरंजन किया। सुबह एक समय तो ऐसा लगने लगा कि आन्दोलन का पटाक्षेप हो जाएगा और जाम भी खुल लाएंगे। ऐसे में कलेक्ट्रेट में भी अधिकारियों की चहल-पहल बढ़ गई। लेकिन जैसे-जैसे गुर्जर नेता कर्नल बैंसला का बयान आने लगा तो अधिकारियों में निराशा छाने लगी।
आंदोलन का मतलब यह नहीं की जनता को करें परेशान:दौसा एसपी
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह सहित अनेक अधिकारी सिकंदरा चौराहे के समीप की दुब्बी चौकी पहुंचे। एसपी ने मीडिया से कहा कि आंदोलन का मतलब यह नहीं कि आमजन को परेशान किया जाए। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों के लिए सरकार से वार्ता जैसे रास्तों को अपनाना चाहिए और अब तो सरकार ने अपना निर्णय भी दे दिया है। ऐसे में गुर्जरों को जाम हटा लेना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुर्जरों से लगातार वार्ता की जा रही है।