
जयपुर। हरी मिर्ची (Green chili) के बढ़ते दामों ने आम उपभोक्ता का जायका बिगाड़ दिया है। मिर्च के भावों (Green chili price) ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खुदरा बाजार में आम उपभोक्ता को हरी मिर्च डेढ़ सौ रुपए प्रतिकिलो मिल रही है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe![Facebook Reels पर शॉर्ट वीडियो पब्लिश करने वाले कर सकेंगे कमाई अच्छी खबर]
वहीं जयपुर के मुहाना सब्जी मण्डी ( Jaipur Muhana Sabji Mandi ) में हरी मिर्च सौ से एक सौ दस रुपए प्रतिकिलो तक बिक रही है। सामान्य दिनों में खुदरा बाजार में बीस से तीस रुपए प्रतिकिलो हरी मिर्च उपलब्ध रहती है। सब्जी करोबारियों की मानें तो पहले कभी भी मिर्च के भाव इतने नहीं रहे। यह अब तक हरी मिर्च के भाव का रिकॉर्ड है। दुकानदार सब्जी के साथ मुफ्त हरी मिर्च वैसे ही डाल देते थे,
[10वीं पास के लिए डाक विभाग मे भर्तिया जारी जल्द करें आवेदन 35,000 रुपये सैलरी]
लेकिन अब मुफ्त मिर्च लेना सपने जा रहा है। इसके कारण गुजरात, सा हो गया है। लगभग हर सब्जी मध्यप्रदेश और सवाई माधोपुर में के साथ डाली जाने वाली हरी मिर्च मिर्च की फसल तबाह हो गई है। के चढ़ते भाव का कारण इसकी अभी केवल गुजरात से ही मिर्ची फसल में कीड़ा लगना बताया की सप्लाई की जा रही है।
सावे होने के कारण बढ़ी मांग
सावे होने के कारण इसकी मांग और तेज हो गई है। वहीं इसकी आवक आधे से भी कम है। जयपुर की मुहाना मंडी में हर रोज 70 से 80 टन हरी मिर्च उतर रही है। सामान्य दिनों में आवक इससे तिगुनी रहती है। खुद व्यापारी भी मिर्च की कम आवक से परेशान हैं। सब्जी कारोबारियों की माने तो अभी करीब दो महीन मिर्च के भाव से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। वायरस का सबसे अधिक प्रभाव तेजा व 12 नंबर किस्म की मिर्ची पर पड़ा है। वायरस के असर के बाद से ये मिर्च आना बंद हो गई। राजस्थान में मिर्च की ज्यादा आवक मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की मंडी से होती है। यह मिर्च मंडी एशिया में दूसरे नंबर की मानी जाती है। मिर्च मंडियों में आंध्रप्रदेश की गुंटूर पहले नंबर पर है।
राजस्थान में अच्छा उत्पादन
राज्य में करीब 23000 हेक्टेयर क्षेत्र में मिर्च की खेती होती है, जिसमें लगभग 27000 मेट्रिक टन मिर्च का उत्पादन होता है। जोधपुर, पाली, नागौर, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, सवाई माधोपुर, करोली व भरतपुर मुख्य मिर्च उत्पादक जिले हैं। मिर्च का मसाले के अतिरिक्त मिर्च का सत्व जिन्जर वियर तथा अन्य पदार्थों के निर्माण के काम आता है।
इनका कहना है
हरी मिर्च के बढ़ते दामों का फसल में वायरस लगना है। मध्यप्रदेश से मिर्ची आना बंद है। केवल गुजरात से आ रही है। जो पूरी नहीं पड़ती है। दो महीने में नई फसल आने के बाद ही दाम काबू में होंगे।
राहुल तंवर, अध्यक्ष, मुहाना सब्जी मंडी, जयपुर।