राजपूत और रावणा राजपूत समाज सरकार का विरोध करेगा
जयपुर । राजपूत समाज ने एक बार फिर आंदोलन की राह पकड ली है । प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए राजपूत समाज संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा का बहिष्कार कर 7 जुलाई को बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताने और 21 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय समेलन करने की भी घोषणा की है।
राजपूत नेताओं ने एकस्वर में घोषणा की है कि प्रधानमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम का समाज बहिष्कार करेगा और कोई भी चापलूस नेता समाज की भागीदारी इस कार्यक्रम में दिखाने की कोशिश करेगा तो समाज के युवा उसका घेराव कर विरोध करेंगे। इसके साथ ही 7 जुलाई को समाज के युवा काली पट्टी बांध कर वसुन्धरा काला दिवस के रूप में मनाएंगे।
संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने बताया कि आनंदपाल प्रकरण, चतुर सिंह सोढ़ा प्रकरण, सामरऊ प्रकरण, आरक्षण, राजमहल प्रकरण, राजपूत सभा पर पुलिस छापा, युवाओं व सामाजिक नेताओं पर झुठे मुकदमें लगाने सहित अन्य मुद्दों को लेकर समाज आंदोलनरत है किन्तु सरकार समाज की बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं है। आनंदपाल और चतुरसिंह प्रकरण में लिखित समझौते से भी सरकार मुकर गई। इसके विरोध में आगामी चुनावों में राजपूत और रावणा राजपूत समाज सरकार का विरोध करेगा।
मारवाड़ राजपूत सभा अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर गजेन्द्र सिंह के नाम का विरोध सिर्फ इसलिए किया गया की वह राजपूत है, इससे राजपूत समाज को अपमानित कर नीचे दिखाया जा सके। रावणा राजपूत नेता रणजीत सिंह गेंदिया ने बताया कि आनंदपाल एनकाउन्टर के बाद सभी पुलिस अधिकारी वहीं कार्यरत है और आज भी युवाओं को डराया जा रहा है।