देश के असल मुद्दों से ध्यान भटका रही है सरकारें – मौलाना नोमानी

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। मुल्क में हालात बहुत खराब है, सरकारें अमनों इंसाफ के लिए अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर रही है, जिसकी वजह से पूरा मुल्क परेशान है। यह बात रविवार को यहां जयपुर के कर्बला मैदान में आयोजित राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने कही। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान हमेशा से अमन, इंसाफ और शांति के अलमबरदार रहे हैं।

मौजूदा हालात में वे बहुत सारी चीजों को लेकर सब्र किए हुए हैं। आज देश के मुसलमान उन पर होते जुल्मों ज्यादाती को बर्दाश्त किए हुए हैं तथा उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक समझा जा रहा है जो कि कुछेक को गलतफहमी है।

मुसलमान इस देश का नंबर वन शहरी है और वह इस धरती पर पैदा हुआ है और भारत की इसी धरती में दफन होगा, लिहाजा सरकारों को चाहिए कि वे उन्हें उनके मौलिक अधिकारों से वंचित नहीं करें और संविधान के मुताबिक उन्हें उनके अधिकार दिए जाएं।

वहीं मौलाना नोमानी ने सरकारों पर आरोप लगाया कि वे देश के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका कर उन्हें गुमराह कर रही है, जबकि सरकारों का काम अमन व इंसाफ और संविधान के मुताबिक देश संचालन का होता है। वहीं लोगों की आम जरूरत की चीजें उन्हें आसानी से मुहैया हो जाए, यह जिम्मेदारी सरकारों की है।

ज्वाइंट एक्शन फोरम की ओर से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में कार्यक्रम आयोजक एवं फोरम के कन्वीनर हाफिज मंजूर अली खान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों को चाहिए कि वे अपने संविधान प्रदत्त मूल्य एवं आम नागरिकों की रक्षार्थ ली गई शपथ को ध्यान में रखते हुए अपनी जिम्मेदारियां पूरी करें और वंचितों एवं पिछड़ों को आगे लाने के लिए उन्हें सहूलियत मुहैया कराकर अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

हाफिज मंजूर अली ने कहा कि देश का मुसलमान अपने वतन से बेइंतहा मोहब्बत करता है उसे किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। वहीं उन्होंने मुसलमानों से आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहें और हौसले बुलंद रखते हुए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहें।

उन्होंने कहा कि वंचितों को उनके अधिकार मिलना चाहिए तथा संविधान के मुताबिक मौलिक प्रदत्त अधिकार देश के नागरिकों को बिना मांगे हुकूमतों को देकर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। वहीं उन्होंने उपस्थित जनों से आह्वान किया कि वे अपने साथ मजलूम तबको को साथ लेकर देश को विकास पथ पर ले जाए, ताकि अन्याय का खात्मा हो और देशभर में इंसाफ की मशाल जली रहे।

वहीं मुख्य अतिथि बरेली शरीफ के तौकीर रजा खान ने कहा कि मजलूम का ज्यादा इम्तिहान लेना ठीक नहीं है, क्योंकि गरीब की दुआ और बद्दुआ खाली नहीं जाती और उसका असर होकर रहता है। खुदा के यहां देर है, अंधेर नहीं। वहीं उन्होंने देश के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए केंद्र व राज्य सरकारों से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए जनता को उनके मौलिक अधिकार व्यावहारिक रूप से प्रदान करें।

मौलाना तौकीर रजा खान ने देश में बढ़ती महंगाई और आम जरूरतों की मूल्यवृद्धि पर भी चिंता जताई। साथ ही कहा कि सरकारों को चाहिए कि वे देश के नागरिकों को यह एहसास दिलाएं कि उनके साथ इंसाफ होता रहेगा तथा हालात ऐसे बनाएं कि हरेक व्यक्ति को अमनों सुकून का एहसास हो।

कारी हिदायतुल्लाह के तिलावते कुरान से शुरू हुई कॉन्फ्रेंस में मौलाना सुलेमान में नात शरीफ पेश की। वहीं मुफ्ती ए राजस्थान मुफ्ती मोहम्मद जाकिर नोमानी व मुफ्ती हनीफ अहरार ने कहा कि देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। चारों ओर असामाजिक और उपद्रवी तत्वों का बोलबाला है, जिन पर हमें एकजुटता के साथ अंकुश लगाना होगा।

वहीं विशिष्ट अतिथि हिम्मत सिंह ने उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मनुवादी सोच के लोगों पर अंकुश लगाने का गवर्नमेंट से आग्रह करते हुए ऐसी ताकतों के खिलाफ सभी समाजों को एकजुटता का प्रदर्शन प्रदर्शन करने का आह्वान किया।

इसी प्रकार मौलाना अहसान बदर ने मुसलमानों को उनके हुकूक की याद दिलाते हुए कहा कि यह कौम अमन व इंसाफ पसंद है तथा तोहीद एकेश्वरवाद को मानने वाले कभी किसी का बुरा नहीं कर सकते, वे सदैव सन्मार्ग पर चलते हैं।

कॉन्फ्रेंस में संयुक्त किसान मोर्चा व जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि हमें उपद्रवियों पर रोक लगानी होगी तथा उन्हें बेनकाब करते हुए उनके सांप्रदायिक चेहरों को सामने लाना होगा। उन्होंने सामाजिक सौहार्द एवं समरसता पर बल देते हुए सद्भाव कायम रखने तथा कौमी एकता का सुबूत देने का उपस्थित जनों से आह्वान किया, जिस पर सभी ने हामी भरी। कॉन्फ्रेंस में मौलाना उस्मान लुधियानवी व मौलाना अनीस अहमद ने कहा कि हम अमन व इंसाफ पसंद लोग हैं। एकेश्वरवाद पर यकीन रखने वाले लोग कभी किसी का बुरा नहीं करते।

अपवाद सभी समाजों और सभी जगह मिलते हैं, लेकिन इस देश का मुसलमान इंसाफ व अमन पसंद हैं। वहीं सादिक हुसैनी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमें गंगा, जमुनी तहजीब को नहीं छोड़ना है तथा अमन व इंसाफ पसंद बनकर जीवन यापन करना है। इसी में हमारे देश व समाज की भलाई हैं। ज्वाइंट एक्शन फोरम के को कन्वीनर एवं कांफ्रेंस के सह संयोजक मुफ्ती अखलाक उर रहमान कासमी ने कहा कि देश का मुसलमान अमन व इंसाफ पसंद है तथा तौहीद को मानने वाला है, लिहाजा उसे इस चीज को ध्यान में रखते हुए सदैव सन्मार्ग पर चलना होगा।

इसी में दीन व दुनिया की सफलता छिपी हुई है। कासमी ने कॉन्फ्रेंस में उमड़ी भारी भीड़ एवं देश के कोने-कोने से आए इस्लामी विद्वानों तथा आमजन का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के कई इस्लामी विद्वान शामिल हुए वहीं मुसलमानों के विभिन्न संगठनों, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी एवं बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहा। देर रात तक चले इस अधिवेशन में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता एवं खिदमतगुजार व्यवस्थाएं संभाले हुए रहे। साथ ही चाक-चौबंद पुलिस के जवान भी मुस्तैद दिखे।

पीएफआई प्रतिनिधि को लेकर प्रशासन रहा परेशान

कॉन्फ्रेंस में विशिष्ट अतिथि के रूप में आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद की आमद को लेकर विशेषकर पुलिस प्रशासन खासा परेशान देखा गया। पुलिस के आला अधिकारी क्षेत्रीय होटलों में जाकर उनकी टोह लेते दिखे, क्योंकि प्रशासन इस बात से आशंकित था कि शांत जयपुर शहर में कोई अप्रिय घटना घटित ना हो जाए।

पुलिस के आला अधिकारी कॉन्फ्रेंस आयोजक हाफिज मंजूर अली खान के साथ इस मुद्दे को लेकर चर्चाओं में व्यस्त दिखे।

सरकारी नुमाइंदे भी रहे मुस्तैद

गुप्तचर शाखाओं की सूचनाओं एवं अलर्ट प्रशासन व सरकार के निर्देशानुसार शहर के कुछ विधायक इस कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद नजर आए। विधायक रफीक खान जहां एक ओर आयोजकों से हालात मालूम करते रहे। वहीं अमीन कागजी व क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर महेश जोशी भी कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद दिखे।

आदर्श नगर विधायक रफीक खान आयोजकों से फोन पर चर्चा करते रहे। थोड़ी देर बाद वे वन विहार पहुंचे और कर्बला व ईदगाह क्षेत्र में कॉन्फ्रेंस को लेकर मुस्तैद दिखे।

महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचीं

राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस में महिलाओं व युवतियों की भारी संख्या में भीड़ पहुंची। जिनकी बैठने की व्यवस्थाएं अलग से रही। यहां इस्लामी तरीके से महिलाओं के बैठने की व्यवस्था रही, जहां पर महिलाएं व युवतियों ने व्यवस्थाएं संभाली।

कॉन्फ्रेंस में 1 लाख से अधिक लोग पहुंचे

एक अनुमान के मुताबिक राष्ट्रीय अमन व इंसाफ कॉन्फ्रेंस में एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने का दावा किया गया। वहीं इस संख्या में 30,000 से अधिक महिलाएं आने की सूत्रों ने जानकारी दी।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/