जयपुर । राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र और भाजपा सरकार द्वारा किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर उनके आन्दोलन को कांग्रेस से अभिप्रेरित बताकर किसानों की बेइज्जती करना है। जबकि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चुनावों के दौरान किसानों से किये गये वायदे को भुलाने के कारण परेशान होकर किसान सड़कों पर आये हैं और आक्रोशित होकर आन्दोलन कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच दिनों से राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों में किसान ‘गांव बंद‘ का आन्दोलन चला रहे हैं। सड़कों पर दूध और सब्जियां फैंकी जा रही है या इनका निःशुल्क वितरण कर किसान अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। दूध और सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। मण्डियों में सब्जी की आवक कम हो गयी है और सहकारी डेयरियों में दुग्ध का संकलन आधे से भी कम रह गया है। एक प्रकार से अराजकता की स्थिति पैदा हो रही है। इन परिस्थितियों में आमजन को परेशानी का सामना पड रहा है। परन्तु केन्द्र और राज्य सरकार इस सारी स्थिति के प्रति आंखें मूंदे हुए है।गहलोत ने कहा कि किसान संगठनों द्वारा वायदे के अनुरूप स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, ऋण माफी करने, उपज का उचित मूल्य दिलाने आदि की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चने ओर लहसुन के उचित मूल्य नहीं मिलने से किसानों को अपनी उपज का वास्तविक मूल्य प्राप्त करने में बड़ी परेशानी का सामना करना पडा। राज्य सरकार लहसुन खरीद की मात्र घोषणा करके ही रह गई। हकीकत यह है कि किसानों की मात्र 10 प्रतिशत उपज भी खरीदी नहीं जा सकी। हाडौती क्षेत्र में तो कई लहसुन उत्पादक किसान कर्ज के दबाव में आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।