Jaipur News । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चले विवादों को लेकर पायलट के मीडिया मैनेजर तथा एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के मामले में बैकफुट पर आ गई है और सरकार ने उनको तो वापस लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी दे दिया है ।
विदित है कि मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के भी चले मनमुटाव और कल है के दौरान आनन-फानन में गहलोत सरकार के संकेत पर पायलट के घर में पायलट की बिना अनुमति के प्रवेश कर पुलिस ने पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेंद्र सिंह तथा आज तक राजस्थान हेड शरद कुमार के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था जिसमें कहा गया था कि गहलोत गुट के विधायकों के जैसलमेर में होटल में रहने के दौरान टेलीफोन टैपिंग की खबर आजतक के पत्रकार शरत कुमार व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर लोकेन्द्र सिंह द्वारा प्रकाशित की गई जो गलत थी और इसे साजिश के तहत प्रकाशित किया गया था। बाद मे
इसके खिलाफ लोकेन्द्र सिंह ने राजस्थान हाई कोर्ट की शरण ली जहां पर राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा कैसे दर्ज कर सकते हैं । लेकिन इससे पहले ही जयपुर पुलिस ने कोर्ट में इस पूरे मामले पर फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी है ।
विधायकपुरी पुलिस स्टेशन के थाना अधिकारी ओम प्रकाश माचवावा ने बताया कि इस मामले में जांच पूरी कर एफ.आर लगा दी गई है क्योंकि मामले की जांच रिपोर्ट में पाया गया है कि मुकदमे में कोई तथ्य नहीं बनता है और मामले की जांच के दौरान इसे गलतफहमी में दर्ज किया गया मुकदमा पाया गया । लोकेन्द्र सिंह के अलावा राजस्थान मे आजतक के संपादक शरत कुमार पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा वापसी के लिए जयपुर पुलिस ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है ।