Jaipur। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान कोरोना टेस्ट जिस जांच किट को गलत करार देते हुए जांच के लिए रिजेक्ट कर दिया था ।
अब उन्हीं कीटों से एक बार फिर प्रदेश भर में कोरोना की जांच शुरू की जा कर अभियान चलाए जाने की तैयारी है । और इसके लिए आगामी 13 मई को प्रदेश भर के सीएमएचओ और पीएम को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पिछले साल जब कोरोना महामारी शुरू हुई थी तब कोरोना की जांच के लिए रैपिड एंटीजन चिप से कोरोना टेस्ट किया जा रहा था तब इसकी जांच में गड़बड़ियां होने की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने
कोरोना जांच में इसके इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए आरटी पीसीआर किट से जांच के आदेश दिए थे और तब से लेकर अब तक आरटी पीसीआर से ही पर प्रदेश भर में टेस्ट किए जा रहे हैं ।
अब जब प्रदेश में कोरोनावायरस की दूसरी ओर भयावहता और कोहराम मचा रखा है और लगातार रोगियों की संख्या बढ़ रही है तथा आरटी पीसीआर कीट से की जा रही जांच की रिपोर्ट मैं 2 से 3 दिन का समय लगने के कारण संक्रमण फैलने के अंदेशे को ध्यान में रखते हुए
गहलोत सरकार ने एक बार फिर से रैपिड एंटीजन चिप से टेस्ट शुरू करने का निर्णय लिया है और जिसके लिए 13 मई को प्रदेश के सभी सीएमएचओ और पीएमओ का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है ।
क्या है रेपिट एंटीजन टेस्ट
रैपिड एंटीजन टेस्ट इसमें एक चिप आती है जिस पर जांच के लिए सैंपल रखते हैं उसका तत्काल रिजल्ट आ जाता है अर्थात तेज गति से जांच का परिणाम मिल जाता है।
निजी अस्पताल व प्रयोगशालाएं कर रहे थे चोरी छुपे..
सूत्रों के अनुसार गहलोत सरकार ने रिपीट एंटीजन टेस्ट पर रोक लगा दी थी और प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में गहलोत सरकार के आदेश की पूर्णतया पालना हो रही थी लेकिन सूत्र बताते हैं कि सरकार ने कुछ निजी अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को भी कोविड-19
की अनुमति दी थी और इन प्रयोगशालाओं और निजी अस्पतालों में सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए चोरी-छिपे रैपिड एंटीजन से ही टेस्ट किए जा रहे थे और रिपोर्ट तत्काल रोगियों को दी जा रही थी ।