राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के धरने पर गहलोत का बयान, बीजेपी विधायकों को दिल्ली जाकर देना चाहिए धरना

जयपुर। विधानसभा सत्र का सत्रावसान नहीं किए जाने के विरोध में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी के कक्ष में भाजपा विधायकों की ओर से दिए गए धरने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी विधायकों को विधानसभा स्पीकर के कक्ष में धरना देने की बजाए दिल्ली जाकर धरना देना चाहिए।

सीएम गहलोत में आज विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा स्पीकर के कक्ष में धरना देने की नौबत क्यों पड़ी इस पर बीजेपी को सोचना चाहिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि विधानसभा सत्र को कंटिन्यू इसलिए रखा गया है क्योंकि बीजेपी ने देश में नया मॉडल बना रखा है। देश में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है, मध्य प्रदेश, 

कर्नाटक, महाराष्ट्र में सरकारें गिराई गई हैं और अब झारखंड पर इनकी नजर है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पिछली बार बीजेपी ने राज्यपाल को मजबूर किया था इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कैबिनेट आग्रह करती है और राज्यपाल को सत्र बुलाना पड़ता है लेकिन पिछली बार बार-बार आग्रह के बावजूद सत्र को नहीं बुलाया जा रहा था क्योंकि बीजेपी ने राज्यपाल को इशारा कर रखा था।

गहलोत ने कहा कि कई बार खुद राज्यपाल सरकार को आदेश देते हैं कि वो सदन में अपना बहुमत सिद्ध करें इसलिए कांग्रेस सरकार लगातार राज्यपाल से आग्रह कर रही थी लेकिन सत्र नहीं बुलाया जा रहा था।मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमने जानबूझकर सत्र का सत्रावसान नहीं किया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लंपी रोग को लेकर कहा कि लंपी रोग को लेकर बीजेपी केवल ढोंग कर रही है, गहलोत सरकार गायों को लेकर संवेदनशील है इसीलिए हमने 15 अगस्त को ही विपक्ष के नेताओं के साथ-साथ भामाशाह,धर्मगुरुओं और समाजसेवियों की बैठक ली थी। गायों को बचाना सरकार की प्राथमिकता है कि लंपी रोग से गायों नको कैसे बचाया जाए लेकिन दवाइयां और वैक्सीन केंद्र सरकार को देनी है ।

 

इसलिए हम लगातार केंद्र सरकार से लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रहे हैं। बीजेपी के विधायकों को चाहिए कि वो इस मुहिममें हमारा साथ दें न कि लंपी रोग पर राजनीति करे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार की ओर से देश में लाए गए चीतों को लेकर कहा कि चीता प्रोजेक्ट यूपीए सरकार की देन है। तत्कालीन मंत्री जयराम रमेश अफ्रीका गए थे लेकिन उस वक्त किन्ही कारणों के चलते यह प्रोजेक्ट रुक गया था और लंबे समय के बाद अब चीते देश में आए हैं जिसका सभी ने स्वागत किया है।