गहलोत 26 को भरेंगे नामांकन ? थरूर और गहलोत में मुकाबला, राजस्थान में CM को लेकर पेच

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अब सियासत गरमाने लगी है । कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर पार्टी सहित देशभर में कयासों का दौर चल रहा है। लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार 24 साल बाद कांग्रेस में गैर गांधी परिवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 26 सितंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए संभवतया अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं ? गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर पेच फंसा हुआ है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के बीच मुकाबला हो सकता है।

 

कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे ऊपर है उनको राजनीतिक और पार्टी संगठन का अच्छा खासा अनुभव होने के साथ ही गांधी परिवार का विश्वस्त माना जाता है और गांधी परिवार भी उनके बाद अगर कोई गैर गांधी परिवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता है तो उन की सबसे पहली पसंद अशोक गहलोत हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज दिल्ली पहुंचे यहां पहुंचने पर मीडिया से एयरपोर्ट पर रूबरू होते हुए मीडिया के सवालों के जवाब में गहलोत ने कहा कि अगर पार्टी के लोग मुझे चाहते हैं उन्हें लगता है कि अध्यक्ष पद या सीएम पद पर मेरी जरूरत है तो मैं मना नहीं कर सकता।

हमारे लिए पद कोई मायने नहीं रखता और समय बताएगा कि मैं कहां रहूंगा कहां नहीं रहूंगा। एक व्यक्ति एक पद के फार्मूले पर गहलोत ने कहा कि मेरी मंशा तो है कि मैं किसी पद बना रहा हूं बस मेरी उपस्थिति से पार्टी को फायदा होना चाहिए और कांग्रेस मजबूत होनी चाहिए मेरी यह भावना है। मुख्यमंत्री गहलोत आज दिल्ली में कांग्रेस की सुप्रीमो सोनिया गांधी से अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मंत्रणा करेंगे और उसके बाद वह केरल के कोच्चि जाएंगे जहां गहलोत राहुल गांधी से मुलाकात कर पूरे मामले में चर्चा करेंगे। 

विश्वस्त सूत्रों और राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 26 सितंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं ? राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 24 सितंबर से लेकर 30 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं। इस पद के लिए कांग्रेस के सांसद शशि थरूर भी मैदान में उतर रहे हैं और इसका संकेत उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात कर उनको अवगत करा दिया है। 

शशि थरूर कांग्रेस के G-23 ग्रुप का नेतृत्व करते हैं यह ग्रुप कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर गैर गांधी परिवार की पैरवी लंबे समय से कर रहा है।

दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष के सियासी अटकलों को लेकर पार्टी के महासचिव जयराम रमेश के यह बयान कि राहुल गांधी नामांकन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा पर रहेंगे और वह दिल्ली नहीं जाएंगे। रमेश के इस बयान के बाद स्पष्ट हो गया है कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान नहीं संभालेंगे।

राहुल गांधी 23 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा से विश्राम लेकर दिल्ली आएंगे और अपनी मां सोनिया गांधी से मिलेंगे इस मुलाकात में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर मंथन हो सकता है और 24 तारीख से राहुल अपनी भारत जोड़ो यात्रा पर निकल जाएंगे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के नियमों के अनुसार नामांकन पत्र दाखिल करते समय प्रत्याशी को चुनाव अधिकारी के समक्ष प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होना अनिवार्य है।

इधर दूसरी ओर राजस्थान की राजनीति में अटकलों का कयास शुरू हो गया है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने जाते हैं तो राजस्थान के बचे हुए डेढ़ साल में सरकार की कमान कौन संभालेगा? इसको लेकर सचिन पायलट, डॉक्टर सीपी जोशी, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला के नाम प्रमुख तौर से हैं आगे चल रहे हैं । राजनीतिक विशेषज्ञो का यह भी मानना है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री पद पर गहलोत के बाद कौन आसीन होगा इसमें अशोक गहलोत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

राजनीति के विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अगर आगामी चुनाव को देखते हुए सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपी जाती है तो वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर गहलोत के रहते हुए बड़े दबाव में रहेंगे और संभवतया वह खुलकर कार्य नहीं कर पाएंगे और गहलोत का हस्तक्षेप बराबर रहने से पायलट के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

और अगर सचिन पायलट को अध्यक्ष बनाया जाता है तो वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को पद छोड़ना पड़ेगा और कांग्रेस में जाट समुदाय से बड़े पद पर कोई नहीं होगा इससे आने वाले चुनाव में जाट समुदाय की कांग्रेस के प्रति नाराजगी हो सकती है यह न तो कांग्रेस और नहीं अशोक गहलोत चाहेंगे।

दूसरी ओर अगर राजनीतिक समीकरण के मद्देनजर पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना भी दिया जाता है तो आने वाले चुनाव में अगर पार्टी अगर वापस सत्ता में नहीं आती है तो हार का ठीकरा सचिन पायलट पर फोड़ा जा सकता है और स्वयं सचिन पायलट भी शायद ऐसे परिस्थितियों में प्रदेशाध्यक्ष बनने के मूड में नहीं ?

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम